Tuesday, October 28, 2025
spot_img
HomeUttar PradeshHamirpurजल संरक्षण में सफल हो रही है 'मेड़बन्दी' की पुरानी परम्परा

जल संरक्षण में सफल हो रही है ‘मेड़बन्दी’ की पुरानी परम्परा

हमीरपुर। जिला सूचना कार्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रदेश सरकार द्वारा भू-जल स्तर बढ़ाने और वर्षा जल को खेतों में रोकने के लिए चलाए जा रहे विशेष कार्यक्रमों के तहत भारतीय संस्कृति की पुरानी ‘मेड़बन्दी’ विधि प्रभावी साबित हो रही है। इस विधि को “खेत के ऊपर मेड़, मेड़ के ऊपर पेड़” के रूप में भी जाना जाता है।

​मेड़बन्दी के लाभ:

​जल संचय: मेड़बन्दी से वर्षा का जल खेत में रुकता है, जिससे भू-जल संचय होता है और जल स्तर में वृद्धि होती है।

​मृदा संरक्षण: यह विधि भूमि के कटाव को रोकती है, जिससे मृदा के पोषक तत्व खेत में बने रहते हैं और पैदावार बढ़ती है।

​अतिरिक्त उपज: मेड़ पर अरहर, मूंग, उड़द, अलसी जैसे कम पानी चाहने वाली फसलें पैदा की जा सकती हैं। इसके अलावा, बेल, सहजन, अमरूद जैसे फलदार पेड़ अतिरिक्त आय प्रदान करते हैं।

​बुंदेलखंड में उपयोगिता: खासकर बुंदेलखंड के पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्रों में मेड़बन्दी के माध्यम से जल रोककर भूमि को उपजाऊ बनाया जा रहा है।

​मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी किसानों के लिए खेत का पानी खेत में रोकने पर बल दिया है। जिला प्रशासन ने सभी किसानों से अपील की है कि जल संकट से निपटने के लिए मेड़बन्दी को अपनाकर भूमि की उर्वरा शक्ति और भू-जल स्तर को बढ़ाने में सहयोग करें।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular