आज हुसैनाबाद स्थित छोटे इमामबाड़े लखनऊ की मातमी अंजुमन और उलमाओं का एक बड़ा जलसा हुआ। जिसकी शुरुआत कलाम पाक की तिलावत से हुई। इस जलसे में बड़ी तादात में लोग मौजूद थे।
मौलाना ने हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधीन आने वाली इमामबाड़े करबला व ट्रस्ट की इमारतो की बदहाली पर नाराज़गी का इज़हार किया। उन्होंने कहा कि अगर कोई हमारी ज़मीन/या दुकान को लेता है तो हम किस हद तक चले जाते हैं। तो फिर हम अपनी इन इबादतगाहों को बर्बाद होते कैसे देख सकते हैं। सभी मौलाना ने अपने भाषण में यही कहा है कि हमारे पास जो भी कीमती धरोहर है उसको हम किसी भी हाल में बर्बाद नहीं होने देंगे।
जलसे में मौलानाओं के अलावा दूसरे वक्ताओं ने भी अपने ख़यालात का इजहार किया। आज़ादारी बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मीसम रिज़वी ने कहा कि हम अपनी ऐतिहासिक धरोहर को मिटने नहीं देंगे, और इनको बचाने के लिए जो भी करना होगा ज़रूर करेंगे, क़ानूनी दायरे में रहते हुए।
लखनऊ के इमामे जुमा मौलाना क़ल्बे जवाद साहब ने कहा कि हिंदुस्तान में हुसैनाबाद ट्रस्ट सबसे बड़ा ट्रस्ट है जिसके पास पैसों की कोई कमी नहीं है। लेकिन अफ़सोस की बात है कि ट्रस्ट की सभी इमारतें खण्डहर हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि मनमाने तरीके़ से काम किया जा रहा है और ट्रस्ट की ज़मीनों को लगातार दूसरों को दिया जा रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि हुसैनाबाद ट्रस्ट में इस वक्त में कोई इंतजामिया कमेटी नहीं है।
इसी वजह से जिलाधिकारी मनमाने तरीके से कार्य कर रहे हैं। इमामबाड़े कब्रस्तानों की बदहाली व ट्रस्ट की जमीनों पर अवैध कब्जों को लेकर कड़ी नाराजगी का इजहार किया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द ट्रस्ट की नयी कमेटी का गठन किया जाये और हुसैनाबाद ट्रस्ट की इमारतो की तामीर का काम जल्द शुरू किया जाये।
अंजुमन हायमातमी के पदाधिकारियों ने जलसे में आये सभी उलमाए कराम अंजुमन हाए मातमी के ज़िम्मेदारान और मोमनीन का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।





