मौदहा (हमीरपुर)। बुंदेलखंड की सांस्कृतिक धरोहर और दो सौ साल पुरानी परंपरा का प्रतीक कंशवध मेला सोमवार रात रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सकुशल सम्पन्न हो गया। तीन दिन तक चले इस मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालु और दर्शक उमड़े। मंच पर भक्ति संगीत, लोकगीत, बुंदेली नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियों ने देर रात तक वातावरण को उत्सवमय बनाए रखा।
सुरक्षा व्यवस्था रही कड़ी
मेले को शांति और सौहार्दपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे। डीआईजी राजेश एस., जिलाधिकारी घनश्याम मीना और पुलिस अधीक्षक दीक्षा शर्मा ने पूर्व में ही कस्बे का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया था। मेले के दौरान जनपद और बाहरी जिलों की पुलिस, पीएसी, अग्निशमन दल, यातायात पुलिस, एम्बुलेंस व चिकित्सक टीम के साथ गोताखोरों की तैनाती की गई। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक लगातार मुख्यालय से निगरानी करते रहे।
जनता व आयोजकों का सहयोग
मेले की सफलता में प्रशासन के साथ-साथ मौदहा की जनता और आयोजकों का भी अहम योगदान रहा। व्यापारियों, समाजसेवियों और स्वयंसेवी संगठनों ने व्यवस्थाओं में सक्रिय सहयोग दिया।
लोक संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन
कंसवध मेला धार्मिक आयोजन होने के साथ-साथ बुंदेलखंड की लोक संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन भी है। पारंपरिक ढोलक-मंजीरा संग भजन-कीर्तन, लोक नृत्य मंडल की झांकियां, बाल कलाकारों की नाटिकाएं और शिवधुन व भजन संध्या मुख्य आकर्षण रहे। बच्चों और युवाओं के लिए प्रतियोगिताएं व झूले विशेष आकर्षण बने रहे।
तीन दिवसीय यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि क्षेत्रीय एकता और सामुदायिक सौहार्द का प्रतीक भी बन चुका है।