हफ्ता ए वहदत का प्रोग्राम 12 से 17 रबिल अव्वल तक मनाया गया
गोरखपुर। जश्ने रसूल जिससे मनाया न जाय, उस आदमी से हाथ मिलाया न जाये। सलीम बलरामपुरी के इसी कलाम से जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मौके पर आयोजित महफिल ए मिलाद का आगाज हुआ। बताते चलें कि शिया फ़ेडरेशन द्धारा बुधवार को वक़्फ़ इमामबाड़ा अशरफुननिशा खानम में जश्ने ईद मिलादुन नबी के अंतर्गत नातिया मुशायरे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की सदारत प्रोफेसर नजमुल रज़ा ने किया।
पिछले सालों की तरह इस साल भी शिया फेडरेशन की जानिब से हफ्ता ए वहदत का प्रोग्राम ईद मिलादुन्नबी 12 से 17 रबिल अव्वल तक मनाया गया। कार्यक्रम में मास्टर हादी, वसी अख्तर, मिर्जा अली, जनाब रजा, सुल्तान रिजवी, तालिब रिजवी, तौफीक, शबीहुल हसन, शकील अख्तर रिजवी, अब्दुल्ला जामी आदि ने अपना कलाम पेश किया।
इस मौके पर कार्यक्रम के सदर प्रोफेसर नजमुल रज़ा, ने तकरीर किया जबकि बेरुनी शायर मुजीब सिद्दीकी और सलीम बलरामपुरी ने अपना कलाम पेश किया। मिर्जा अली ने अपने कलाम में पढ़ा की “तख़लीक में भी नूर है अव्वल तेरा, है जिक्र सहीफो मे मुसलमान तेरा, तौसीफ बशर से तेरी मुमकिन ही नहीं, कुरान तआरूफ है मुकम्मल तेरा।
शायरों ने रसूल (स0अ0) की शान में अपने कलाम पेश कर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुशायरे के समापन पर शिया फेडरेशन की तरफ से पूर्व अध्यक्ष एजाज़ रिज़वी एडवोकेट ने आये हुए मेहमानों का शुक्रिया अदा करते हुए ईद मिलादुन नबी की मुबारकबाद पेश किया।