अब सीमा पार रुपये भेजना होगा आसान, यूएस डालर की भी कम होगी निर्भरता

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भारत और यूएई के बीच हुआ बड़ा समझौता

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई ने 15 जुलाई को अबू धाबी में स्थानीय मुद्राओं में सीमा पार लेनदेन-भुगतान और मैसेजिंग सिस्टम को जोडऩे के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने के लिए दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
पीएम मोदी की उपस्थिति में हुआ समझौता
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की उपस्थिति में दोनों गवर्नरों के बीच समझौतों का आदान-प्रदान किया गया।
स्थानीय मुद्राओं में सीमा पार लेनदेन को बढ़ावा दे रहा भारत
भारत अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए स्थानीय मुद्राओं में सीमा पार लेनदेन को बढ़ावा दे रहा है। आरबीआई ने कहा,
दोनों एमओयू का उद्देश्य निर्बाध सीमा पार लेनदेन और भुगतान की सुविधा प्रदान करना और दोनों देशों के बीच अधिक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने पर समझौता ज्ञापन का उद्देश्य द्विपक्षीय रूप से आईएनआर और एईडी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली स्थापित करना है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि एमओयू सभी चालू खाता लेनदेन और अनुमत पूंजी खाता लेनदेन को कवर करता है। आरबीआई ने कहा,
एलसीएसएस के निर्माण से निर्यातकों और आयातकों को अपनी संबंधित घरेलू मुद्राओं में चालान और भुगतान करने में सक्षम बनाया जाएगा, जो बदले में एक आईएनआर-एईडी विदेशी मुद्रा बाजार के विकास को सक्षम करेगा। यह व्यवस्था दोनों देशों के बीच निवेश और पैसों के ट्रांसफर को भी बढ़ावा देगी।
भारत और यूएई के केंद्रीय बैंकों के बीच इन मुद्दों पर बनी सहमति
स्थानीय मुद्राओं का उपयोग लेनदेन लागत और लेनदेन के निपटान समय को अनुकूलित करेगा, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले भारतीयों के द्वारा भेजी गई रकम भी शामिल है। पेमेंट्स एंड मैसेजिंग सिस्टम्स पर उपक्रम के संबंध में, आरबीआई ने कहा,
दोनों केंद्रीय बैंक अपने फास्ट पेमेंट सिस्टम्स (एफपीएस) – भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) को यूएई के इंस्टेंट पेमेंट प्लेटफॉर्म (आईपीपी) के साथ जोडऩे, संबंधित कार्ड स्विच को लिंक करने और संयुक्त अरब अमीरात में मैसेजिंग सिस्टम के साथ भारत के भुगतान मैसेजिंग सिस्टम- स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम (एसएफएमएस) को जोडऩे की खोज करने पर सहमत हुए हैं।
यूपीआई और आईपीपी के लिंकेज से क्या फायदा होगा?
आरबीआई ने कहा कि यूपीआई-आईपीपी लिंकेज किसी भी देश में उपयोगकर्ताओं को तेज़, सुविधाजनक, सुरक्षित और लागत प्रभावी सीमा पार रुपये ट्रांसफर करने में सक्षम बनाएगा। इसके अलावा, कार्ड स्विचों को जोडऩे से घरेलू कार्डों की पारस्परिक स्वीकृति और कार्ड लेनदेन के प्रसंस्करण में सुविधा होगी। मैसेजिंग सिस्टम के लिंकेज का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वित्तीय मैसेजिंग को सुविधाजनक बनाना है।

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