कोरोना संक्रमण के चलते अब ऑनलाइन होगी सुनवाई

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Hearing will now be online due to corona infection

 

अवधनामा संवाददाता

न्यायिक व्यवस्था का समयानुसार शिड्यूल हुआ जारी

ललितपुर। (Lalitpur)  इलाहाबाद उच्च न्यायालय एवं प्रभारी जनपद न्यायाधीश चंद्रमोहन श्रीवास्तव के निर्देश के अनुपालन में प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डा.सुनील कुमार सिंह ने जानकारी दी कि अग्रिम आदेश तक कोरोना से बचाव के लिए जनपद न्यायालय ने व्यवस्था में कुछ बदलाव के आदेश दिये हैं, जिनके अनुसार न्यायालय के खुलने का समय सुबह 10.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक रहेगा।

न्यायालय में शिड्यूल बनाकर कार्य किया जायेगा। प्रत्येक शनिवार व रविवार को न्यायालय में कार्य नहीं होगा। उन्हीं अधिवक्ताओं व वादकारियों को न्यायालय में प्रवेश की अनुमति होगी जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव होगी। पर्याप्त न्यायिक अधिकारी न होने के कारण न्यायालय में केवल उपस्थिति के आधार पर कार्य सम्पादित किया जायेगा। अब जिटसी साफ्टवेयर या वीडियो कान्फ्रेंन्सिंग के माध्यम से केवल न्यायालय जनपद न्यायाधीश (समय- 11 बजे से 11.30 तक), विशेष क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय (समय- 11.30 बजे से 12.00 बजे तक), न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (समय- 12.00 बजे से 12.30 बजे तक), न्यायालय सिविल जज (सी.डि.) (समय- 12.30 बजे से 1.00 बजे तक), न्यायालय सिविल जज (जू.डि.) ललितपुर (समय 1.00बजे से 1.30 बजे तक) ही अग्रिम आदेश तक कार्य करेंगे। न्यायालय में अब केवल जमानत प्रार्थना पत्र, अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र, आवश्यक विविध दाण्डिक प्रार्थना पत्र जैसे स्थगन प्रार्थना पत्र आदि विचाराधीन बंदियों से संबंधित रिमाण्ड कार्य तथा अन्य आवश्यक प्रकृति के मामलें जिन्हें विभागाध्यक्ष आवश्यक समझें के कार्य ही सम्पादित किये जायेंगे। रिमाण्ड कार्य एवं विचाराधीन बंदियों से संबंधित रिमाण्ड कार्य हेतु समय सत्र न्यायालय 12.00 बजे से 12.30बजे तक एवं मजिस्ट्रेट कोर्ट समय 12.30बजे से 1.00 बजे तक का सृजित किया गया है। वादकारी या अधिवक्ता केवल ई-मेल के माध्यम से ही जमानत प्रार्थऩापत्र या अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र या अन्य महत्वपूर्ण प्रार्थना पत्र प्रेषित कर सकते हैं जिसे अब केवल 11बजे तक ही प्रस्तुत कराये जाने की बाध्यता होगी। इन प्रार्थना पत्रों को पी.डी.एफ. के माध्यम से प्रस्तुत किया जायेगा जिसमें न्यायालय का नाम, अधिवक्ता का नाम, उसका मोबाइल नंबर एवं ई-मेल आई.डी., वादी का नाम, प्रतिवादी का नाम लिखा जाना आवश्यक होगा। जब ये प्रार्थना पत्र जनपद न्यायालय में ई-मेल के माध्यम से प्राप्त हो जायेंगे तब इन प्रार्थनापत्रों को सीआईएस साफ्टवेयर के सेन्ट्रलाइज फिलिंग मेड्यूल में दर्ज किया जायेगा।

इन प्रार्थना पत्रों की एक प्रति अभियोजन पक्ष या जिला शासकीय अधिवक्ताओं को ई-मेल के माध्यम से प्राप्त करायी जायेगी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अधिवक्ताओं से आवाहन किया गया है कि वही अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित हों जिनके मामले सुनवाई हेतु नियत हों और सुनवाई समाप्त होने के बाद तुरन्त न्यायालय परिसर को छोड़ दें। उक्त अवधि में वादकारियों एवं अधिवक्ताओं द्वारा न्यायलय संचालन से संबंधित सहायता हेतु फोन नंबर 05176 -275694 /297281 पर सम्पर्क किया जा सकता है। साथ ही प्रभारी सचिव से मोबाइल नंबर 9935963988 पर सम्पर्क कर लीगल वालण्टियर्स की सेवायें ली जा सकती हैं। न्यायिक अधिकारी अधिवक्ताओं के द्वारा प्रेषित प्रार्थना पत्रों को वीडियों कान्फ्रेंन्सिंग या वर्चुअल मोड से न्यायालय परिसर या अपने आवासीय कार्यालय से भी सम्पादित कर सकेंगे।

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