फसल बीमा घोटाले की जांच में तेजी लाने और खाद संकट को तत्काल दूर करने की उठाई मांग
जय जवान जय किसान एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा
महोबा। जय जवान जय किसान एसोसिएशन के बैनर तले सैकड़ों किसान गुरूवार को कीरत सागर तट पर स्थित आल्हा मंच पर एकत्र हुए और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कथित तौर पर हो रही धांधली, सोसाइटी में खाद की कमी को लेकर सड़क पर उतकर जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। सैकड़ों अन्नदाता पैदल मार्च करते हुए सदर तहसील पहुंचे और संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गुलाब सिंह के नेतृत्व में किसानों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में फसल बीमा घोटाले की जांच सीबीआई या एसआईटी कराए जाने की मांग की गई।
जय जवान जय किसान ऐसोसिएशन के निर्धारित कार्यक्रम के तहत गुरूवार को जिले के सैकड़ों किसान कीरत सागर के आल्हा मंच पर एकत्र कर पैदल मार्च करते हुए प्रदर्शन करने के लिए चल दिए। किसान हाथ में तिरंगा झंडा और अपनी मांगों से संबन्धित पंक्तियां लिखी तख्तियां लिए चल रहे थे साथ ही खाद दो या जहर दो नारे लगा रहे थे।
किसान पैदल मार्च करते हुए सुभाष चौकी, ऊदल चौक, आल्हा चौक होते हुए तहसील परिसर पहुंचे जहां पर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। ज्ञापन में फसल बीमा घोटाले की जांच में तेजी लाने और खाद संकट को तत्काल दूर करने की मांग उठाई गई। एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि यदि किसानों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान नहीं किया जाता है तो किसान आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे और जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
तहसील में आयोजित सभा दौरान जय जवान जय किसान एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में धांधली की गई है, लेकिन जांच की रफ्तार बहुत धीमी है। इफ्को टोकियो बीमा कंपनी के शाखा प्रबंधक पर मुकदमा दर्ज होने के बाद भी प्रशासन ने कोई ठोक कार्रवाई नहीं की है। कहा कि प्रशासन की लापरवाही के कारण हजारो किसानों को फसल बीमा के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। किसान नेत राम सहाय राजपूत ने कहा कि शासन स्तर पर भले ही खाद की कमी नहीं है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे विपरीत है।
समितियों में खाद पाने के लिए सुबह से शाम तक किसानों की लंबी लंबी लाइने लग रही है और कई बार तो तमाम किसानों को बिना खाद के खाली हाथ वापस लौटना पड रहा है, जिससे उन्हें अपनी बुवाई प्रभावित होने की चिंता सता रही है। किसानों ने बीमा घोटाले की निष्पक्ष जांच जिला प्रशासन से हटाकर सीबीआई या एसआईटी से कराए जाने, जिससे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।





