कब्जे का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर खदेड़ा

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तीन महिला समेत सात किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया
कुशीनगर। ढाढ़ा चीनी मिल की एथेनाल फैक्ट्री के लिए अधिग्रहित भूमि पर कब्जा दिलाने गई पुलिस व प्रशासन की टीम से किसानों की झड़प हो गई। अधिग्रहित भूमि पर कब्जे का विरोध कर रहे किसानों को पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर खदेड़ा और मिल प्रशासन को कब्जा दिलाया। भगदड़ में लगभग एक दर्जन किसानों को हल्की चोटें आईं। पुलिसिया कार्रवाई से नाराज महिला ने मिट्टी का तेल छिड़क कर जान देने की कोशिश की हालांकि पुलिसकर्मियों ने उसे बचा लिया। विरोध प्रदर्शन कर रहे 13 किसानों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस ने तीन महिलाओं समेत सात को हिरासत में लिया है।
एडीएम वैभव मिश्र, एएसपी रितेश कुमार सिंह के नेतृत्व में सुबह साढ़े 10 बजे 20 थानों की पुलिस ढाढ़ा के टोला हरपुर स्थित एथेनाल फैक्ट्री के लिए अधिग्रहित भूमि पर कब्जा दिलाने पहुंची। अधिकारियों व बड़ी संख्या में पुलिस बल को देख किसान भी मौके पर इकट्ठा हो गए। एडीएम ने किसानों से वार्ता कर सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया काफी पहले ही पूरी कर ली गई है, अब सिर्फ कब्जे की बात है। किसानों का कहना था कि एथेनाल फैक्ट्री के कारण अधिकांश किसान भूमिहीन हो जाएंगे। इस बीच कुछ किसान उग्र हो गए। पुलिस ने बल प्रयोग कर विरोध कर रहे किसानों को खदेड़ना शुरू किया तो एक महिला किसान लाची ने गैलन में रखा मिट्टी का तेल अपने ऊपर गिरा लिया। यह देख महिला पुलिसकर्मियों ने गैलन छीनकर उसे हिरासत में ले लिया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया तो किसानों में भगदड़ मच गई। इस दौरान करीब एक दर्जन किसानों को हल्की चोटें भी आईं। किसानों के जाने के बाद प्रशासन ने चीनी मिल प्रशासन को जमीन का कब्जा दिलाया। एडीएम वैभव मिश्र के अनुसार, किसानों को नगरीय सर्किल रेट से दो गुना मुआवजा दिया जा रहा है। इनकी मांग इससे अधिक मुआवजा देने की है, जो संभव नहीं है।
176 किसानों की 19 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की गई थी
यह है मामला चीनी मिल द्वारा ढाढ़ा के टोला हरपुर में एथेनाल फैक्ट्री लगाने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में 176 किसानों की 19.804 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया था। 88 किसानों ने मुआवजा लेकर अपनी 5.32 हेक्टेयर भूमि चीनी मिल को दे दी थी।
86 किसानों ने हाई कोर्ट इलाहाबाद में याचिका दाखिल कर अपनी 14.481 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाने की मांग की। तीन माह पूर्व हाई कोर्ट ने मिल प्रशासन के पक्ष में आदेश करते हुए याचिका खारिज कर दी। इसके बाद प्रशासन की ओर से गांव में दो बार शिविर लगाकर किसानों से वार्ता कर अधिग्रहित भूमि पर से कब्जा छोड़ने तथा भूमि के बदले सर्किल रेट के चार गुणा मुआवजा लेने की अपील पर किसान नहीं माने।
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