अम्बेडकरनगर हरैया ग्राम पंचायत स्थित हनुमान मंदिर अब एक बड़े विवाद का केंद्र बन गया है। मंदिर के पीछे स्थित राम-जानकी ठाकुर जी की खतौनी भूमि पर खड़े हरे-भरे पेड़ों की कटाई ने मामले को तूल दे दिया है।
महंत बाबा रामजी दास ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कथित बाबा राजकरन दास उर्फ़ चिड़ीमार ने दबंगई दिखाते हुए मंदिर की भूमि पर लगे मोटे-मोटे पेड़ों को कटवा दिया और लकड़ी को ट्रैक्टर-ट्राली में लादकर ले जाया गया। महंत का कहना है कि यह जमीन पहले से ही मंदिर ट्रस्ट के नाम दर्ज है और बिना अनुमति के की गई यह कटाई पूरी तरह अवैध है।
महंत का आरोप
पेड़ कटाई की सूचना वन विभाग और पुलिस को दी गई, लेकिन अधिकारी मामले को दबाने में जुटे हैं। विरोध करने पर बाबा रामजी दास के साथ मारपीट हुई और उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। राजकरन दास को क्षेत्र के मन्दिर की जमीन पर अवैध होटल संचालकों का संरक्षण प्राप्त है, जिससे उसके हौसले बुलंद हैं।
महंत ने घटना की सूचना सबसे पहले 112 पुलिस हेल्पलाइन और फिर थाना बसखारी को दी
प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
हरैया मंदिर विवाद अब केवल पेड़ों की कटाई तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह मंदिर की पवित्रता, प्रशासन की साख और कानून-व्यवस्था की परीक्षा बन गया है। महंत बाबा रामदास जी ने शासन-प्रशासन से अपनी जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या प्रशासन हरैया मंदिर विवाद पर कठोर कार्रवाई करेगा, या फिर मामला एक बार फिर दबा दिया जाएगा?