उप्र के मछुआरा समाज एवं मछली पालन के कारोबार को बढ़ावा देने लिए मत्स्य पालन विभाग ने मत्स्य जीवी सहकारी समिति बनाने की प्रक्रिया में बदलाव किया है। इससे अधिक से अधिक मछुआरा समाज के लोग ही नहीं बल्कि समाज के अन्य लोग भी इसका लाभ उठा सकेंगे। यह जानकारी बुधावार काे
सहायक मत्स्य निदेशक कार्यालय कानपुर प्रभारी निखिल त्रिपाठी ने दी।
उन्हाेंने बताया कि उप्र मत्स्य विभाग ने मछली पालन के लिए मत्स्य जीवी सहकारी समिति बनाने के लिए नदी क्षेत्र में प्रत्येक पांच किलो मीटर पर एक समिति बनाने तथा दो हेक्टेयर जलक्षेत्र में पर समिति का गठन कर सकते हैं। मत्स्य जीवी सहकारी समिति के लिए न्यूनतम 27 सदस्य होना अनिवार्य किया गया है। 3 सदस्य एस.सी. समाज के होने चाहिए, 6 महिला सदस्य होना अनिवार्य किया गया है। जनपद में समिति गठन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद जनपद स्तर पर 3 दिन, मण्डल स्तर पर 7 दिन का समय स्वीकृति करने का निर्धारित किया गया है। इसके बाद इसकी स्वीकृति मत्स्य निदेशक लखनऊ इसे आनलाइन स्वीकृति प्रदान करेंगे।