आज मार्केट में चीनी के अलावा शहद और ‘मोंक फ्रूट’ जैसे कई ऑप्शन्स मौजूद हैं, जो फिटनेस फ्रीक लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच रहे हैं। ऐसे में, अक्सर सवाल खड़ा होता है कि एक हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, इन तीनों में से सबसे अच्छा और सेहतमंद विकल्प कौन-सा है (Sugar vs Honey vs Monk Fruit)? आइए, अपोलो के सीनियर डॉक्टर की मदद से इस कन्फ्यूजन को दूर करते हैं।
हममें से ज्यादातर लोग खाने में मिठास पसंद करते हैं, चाहे वो सुबह की चाय हो, नाश्ते का दलिया या फिर दिन के आखिर में डेजर्ट की क्रेविंग, लेकिन आज के समय में सबसे बड़ा सवाल यही है कि कौन-सा स्वीटनर हमारे लिए हेल्दी है (Healthy Sweetener Options)- चीनी, शहद या फिर नया ऑप्शन ‘मोंक फ्रूट’?
सफेद चीनी
साधारण चीनी यानी टेबल शुगर सबसे ज्यादा प्रोसेस की हुई होती है। इसमें पोषक तत्व लगभग नहीं के बराबर होते हैं। यही वजह है कि इसका ज्यादा सेवन ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा देता है, जिससे मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप रोजाना चाय, कॉफी या मिठाइयों में चीनी डालते हैं, तो धीरे-धीरे यह आपके मेटाबॉलिज्म पर असर डाल सकती है।
शहद
शहद को अक्सर एक हेल्दी ऑप्शन माना जाता है क्योंकि यह प्राकृतिक है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि शहद में फ्रूक्टोज और ग्लूकोज दोनों मौजूद होते हैं। इसका मतलब है कि यह भी ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है, हालांकि चीनी से थोड़ा कम। इसलिए, डायबिटीज के पेशेंट्स या वजन कंट्रोल करने वाले लोगों को इसे भी सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए।
मोंक फ्रूट
मोंक फ्रूट एक नेचुरल स्वीटनर है जो दक्षिण-पूर्व एशिया के एक छोटे से खरबूजे जैसे फल से हासिल होता है। खास बात यह है कि इसमें कैलोरी नहीं होती और यह ब्लड शुगर पर कोई असर नहीं डालता। यही कारण है कि डायबिटीज के मरीजों या डाइट पर रहने वालों के लिए यह एक बेहतर ऑप्शन माना जाता है। आजकल यह हेल्थ-फ्रेंडली स्वीटनर के रूप में दुनिया भर में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
डॉ. भट्टाचार्य का कहना है कि भले ही मोंक फ्रूट सबसे हेल्दी ऑप्शन है, लेकिन किसी भी मीठी चीज का जरूरत से ज्यादा सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए संतुलित मात्रा में ही शुगर का इनटेक करें और कोशिश करें कि आपकी डाइट में नेचुरल सोर्स से आने वाली मिठास ही शामिल हो।





