अवधनामा संवाददाता
लखीमपुर खीरी- (Lakhimpur Kheri) भारत वर्ष 2021 तक फाइलेरिया से उन्मूलन की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए, कोविड-19 महामारी के दौरान भी महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों को जारी रखने के महत्व को स्वीकार करते हुए प्रदेश के 12 जनपदों में 12 जुलाई से प्रदेश सरकार द्वारा मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (आईडीए) कार्यक्रम का जनपद लखीमपुर खीरी से आगाज़ हुआ। सोमवार को केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री, भारत सरकार अजय मिश्र व स्वास्थ्य मंत्री, उप्र सरकार, जय प्रताप सिंह ने इस कार्यक्रम का संयुक्त रूप से वर्चुअल शुभारम्भ किया अपने उदघाटन संबोधन के दौरान, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि “ कोविड-19 महामारी की चुनौती अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है मगर फिर भी, फ़ाइलेरिया जैसे रोग की गंभीरता को समझते हुए, प्रदेश सरकार ने आज से 12 जनपदों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (आईडीए) कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। इस रोग के पूर्ण उन्मूलन के लिए हम सबकी भी सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि प्रत्येक लाभार्थी फ़ाइलेरिया रोधी दवाओं की निर्धारित खुराक का सेवन स्वास्थ्यकर्मियों के सामने करे और हम सब इस बात का प्रण लें कि कोई भी लाभार्थी इन दवाओं से वंचित नहीं होगा। उन्होंने, वर्चुअल रूप से जुड़े सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपने जनपदों में सभी लाभार्थियों, विशेषकर 15 साल से कम आयु के बच्चों को फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाना सुनिश्चित करें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी ने कहा कि भारत में वर्ष 2021 तक फाइलेरिया से उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है और प्रदेश सरकार इसके लिए सतत प्रयत्नशील है और इसके लिए रणनीति बनाकर गतिविधियाँ संपादित की जा रही हैं। प्रदेश की बड़ी जनसंख्या के कारण यहाँ, स्वास्थ्य सुविधाएँ भारत सरकार द्वारा उपलब्ध करवाना एक बड़ी चुनौती है। इसी चुनौती को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशा-निर्देश में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोविड-19 महामारी के दौरान भी समस्त स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रयत्नशील हैं। यही कारण है कि, दस्तक जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में फाइलेरिया, कालाजार जैसे रोगों को भी शामिल कर लिया है। पूरा विश्वास है कि भारत सरकार के दिशा-निर्देश और प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही गतिविधियों से फ़ाइलेरिया का उन्मूलन शीघ्र होगा इस अभियान में सभी वर्गों के लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डी.ई.सी. , अल्बंडाज़ोल तथा आईवरमेक्टिन की निर्धारित खुराक स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर, अपने सामने मुफ्त खिलाई जाएगी एवं किसी भी स्थिति में, दवा का वितरण नहीं किया जायेगा। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को ये दवाएं नहीं खिलाई जाएगी। इस दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद हैं, दवा खाने के बाद माइक्रोफाइलेरिया के नष्ट होने से ऐसे लक्षण उत्पन्न होते हैं | डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि रक्तचाप, शुगर, अर्थरायीटिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी ये दवाएं खानी हैं