अवधनामा ब्यूरो
लखनऊ. कांग्रेस पार्टी भी उत्तर प्रदेश में मिशन-2022 में जुट गई है. मिशन-2022 में कांग्रेस का मुकाबला सिर्फ सत्ताधारी बीजेपी से नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से भी है. कांग्रेस यूपी में कई दशक से हाशिये पर पड़ी है. सत्ता में वापसी के लिए उसे किसी संजीवनी की ज़रूरत है. यही वजह है कि कांग्रेस ने इस बार प्रियंका गांधी के चेहरे पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
कांग्रेस पार्टी ने पिछले कुछ सालों में यह बात बहुत अच्छी तरह से महसूस की है कि प्रियंका गांधी के चेहरे पर न सिर्फ भीड़ जुटती है बल्कि वह भीड़ प्रियंका को सुनना भी चाहती है. इसी वजह से कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की नैया प्रियंका के सहारे पार करने का प्लान बनाया है.
प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में अपना मिशन किसान महापंचायत में शिरकत के साथ शुरू कर दिया है. प्रियंका 10 फरवरी को सहारनपुर में किसान महापंचायत में शरीक होंगी. प्रियंका गांधी ने सहारनपुर से जय जवान-जय किसान अभियान शुरू करने का फैसला किया है.
प्रियंका ने यह अभियान रामपुर में ट्रैक्टर रैली में शहीद हुए किसान की श्रद्धांजलि सभा के साथ शुरू किया था. आज वह सहारनपुर में किसान महापंचायत में शामिल होंगी. 13 फरवरी को मेरठ, 16 को बिजनौर और 19 को मथुरा में किसान महापंचायत में किसानों का मंच शेयर करेंगी.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि मेरठ में होने वाली महापंचायत में राहुल गांधी भी जा सकते हैं. दिल्ली में किसान आन्दोलन लम्बे समय से चल रहा है. आन्दोलन कर रहे 185 किसानों की आन्दोलन के दौरान जान भी जा चुकी है. आन्दोलनकारी किसानों का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काफी असर है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बहुत सी सीटें किसानों के वोटों से प्रभावित होती हैं. कहा जा सकता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान ही किंग मेकर होता है.
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राहुल और प्रियंका के किसान महापंचायत में सक्रिय होने का असर कांग्रेस पर ज़रूर पड़ेगा. हो सकता है कि यही महापंचायत कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित हो जाए. सहारनपुर पहुँचने से पहले प्रियंका ने ट्वीट किया है कि किसानों की बात सुनने, समझने, उनसे अपनी भावनाएं बांटने, उनके संघर्ष का साथ देने आज सहारनपुर में रहूँगी. भाजपा सरकार को काले कृषि क़ानून वापस लेने होंगे.