मौदहा (हमीरपुर)। संस्कृत भाषा के आदि कवि और महाकाव्य ‘रामायण’ के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की जयंती के उपलक्ष्य में, मौदहा कस्बे में हर साल की तरह इस साल भी भव्य शोभायात्रा (जुलूस) निकाली गई। गाजे-बाजे, डीजे और घोड़ों के साथ निकली आकर्षक झांकियों ने पूरे नगर को भक्तिमय कर दिया।
आदिकवि महर्षि वाल्मीकि: एक संक्षिप्त परिचय
महर्षि वाल्मीकि को संस्कृत साहित्य का आदिकवि माना जाता है, जिन्होंने विश्व प्रसिद्ध महाकाव्य ‘रामायण’ की रचना की। इस महान ग्रंथ के माध्यम से उन्होंने भगवान राम के जीवन चरित्र, धर्म, सत्य और कर्तव्यपरायणता का संदेश जन-जन तक पहुँचाया। ऐसी मान्यता है कि कठोर तपस्या में लीन रहने के कारण उनके शरीर पर दीमकों ने बांबी (वाल्मीक) बना ली थी, जिसके कारण उन्हें वाल्मीकि नाम मिला। उनका जीवन ज्ञान, साधना और सृजन की एक अद्भुत और प्रेरणादायक गाथा है।
भव्य शोभायात्रा का आयोजन
कस्बे के अंबेडकर पार्क से शुरू हुई यह शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए सत्तीमाता मंदिर के पास संपन्न हुई। शोभायात्रा का शुभारंभ नगरपालिका अध्यक्ष रजा मोहम्मद उर्फ श्रीनाथ ने फीता काटकर किया। इस भव्य शोभायात्रा की आगवाई भीम आर्मी के मंडल संयोजक संदीप बाल्मिकी ने की। झांकी में सैकड़ों की संख्या में कस्बा वासी सम्मिलित हुए। ढोल-नगाड़ों और जयघोषों से पूरा नगर गूंज उठा। इस अवसर पर युवाओं ने कस्बे में बाइक रैली भी निकाली, जिसने शोभायात्रा के आकर्षण को और बढ़ाया।
शोभायात्रा के दौरान, आयोजकों द्वारा नारी शिक्षा, नशामुक्ति और समाज में एकता का महत्वपूर्ण संदेश दिया गया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में युवा, महिलाएं और पुरुष शामिल हुए। इस दौरान शोभायात्रा में शामिल होने वालों में संदीप बाल्मिकी, कामता प्रसाद, उमाशंकर मधुपिया, रेहान खान, माया बाल्मीकि, अनिकेत, अंकित, राखी सहित सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। शोभायात्रा रैली के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल भी तैनात रहा।
नोट :तीनों फोटो लगान अतिआवश्यक है।





