Wednesday, May 14, 2025
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जैश-उल-हिन्द ने ली इजराइली दूतावास पर विस्फोट की ज़िम्मेदारी, NSG मौके पर

अवधनामा ब्यूरो

नई दिल्ली. इजराइली दूतावास के पास शुक्रवार की शाम को हुए बम धमाके की ज़िम्मेदारी जैश-उल-हिन्द नाम के आतंकी संगठन ने ली है. हालांकि जांच एजेंसियां इस दावे पर भरोसा करने को तैयार नहीं हैं. जांच एजेंसियों की अब तक की जांच में ब्लास्ट के समय मौके पर 45 हज़ार मोबाइल नम्बर सक्रिय पाए गए हैं.

जांच एजेंसियां इस आतंकी संगठन के दावे से इस वजह से बहुत ज्यादा आश्वस्त नहीं हैं क्योंकि इजराइली दूतावास पर हुआ ब्लास्ट बहुत कमज़ोर किस्म का था और इस धमाके से सिर्फ तीन कारों के शीशे ही टूटे थे, हालांकि ब्लास्ट की टाइमिंग ऐसी थी जिस समय दूतावास में काम करने वाले अपने घरों के लिए रवाना हो रहे होते हैं.

आतंकी संगठन जैश-उल-हिन्द ने मैसेजिंग एप टेलीग्राम पर मैसेज लिखा है कि सर्वशक्तिमान खुदा की कृपा और मदद से जैश-उल-हिन्द के लड़ाके ने हाई सेक्योरिटी इलाके में घुसकर आईईडी हमले को अंजाम दे –पाए. इस मैसेज में लिखा है कि भारत सरकार द्वारा किये गए अत्याचारों का बदला लेने के लिए प्रमुख भारतीय शहरों को निशाना बनाया जायेगा.

इजराइली दूतावास पर हुए विस्फोट मामले की जांच में जांच एजेंसियों ने यह पाया है कि विस्फोट में हाई ग्रेड मिलिट्री एक्सप्लोसिव PETN पाया गया है. जांच एजेंसियों का मानना है इस ग्रेड का विस्फोटक अलकायदा जैसे संगठनों के पास हो सकता है. हालांकि ISIS से जुड़े एक ग्रुप ने भी इस विस्फोट की ज़िम्मेदारी लेने का दावा किया. इसी वजह से ईरान की फ्लाईट जाने में देरी हुई क्योंकि सभी यात्रियों की बारीकी से जांच की गई लेकिन कुछ नहीं मिला.

इजराइली दूतावास के पास हुए ब्लास्ट की जांच करने के लिए NSG की टीम भी मौके पर पहुँची है. दरअसल कल विस्फोट के बाद जांच के लिए मौके पर पहुंचे जांच अधिकारियों को मौके पर एक लिफाफा मिला था, जिस पर इजराइली दूतावास का पता लिखा था. लिफ़ाफ़े के अन्दर क्या सन्देश मिला इसे जांच अधिकारियों ने साझा नहीं किया.

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जांच अधिकारी यह भी मानकर चल रहे हैं कि यह सिर्फ सनसनी फैलाने के लिए की गई शरारत भी हो सकती है लेकिन जांच इसलिए ज़रूरी हो जाती है क्योंकि जिस वक्त इजराइली दूतावास पर यह विस्फोट किया गया ठीक उसी वक्त घटना स्थल से सिर्फ दो किलोमीटर दूर बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम चल रहा था. उस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे.

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