Saturday, April 27, 2024
spot_img
HomeUttar PradeshLalitpurपर्यावरण संरक्षण भारत के प्रत्येक नागरिक का मौलिक कर्तव्य : प्रभारी जिला...

पर्यावरण संरक्षण भारत के प्रत्येक नागरिक का मौलिक कर्तव्य : प्रभारी जिला जज

अवधनामा संवाददाता

एडीआर भवन में लगाया पर्यावरण कानून जागरूकता विधिक शिविर

ललितपुर। जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चन्द्रोदय कुमार के निर्देशानुसार प्रभारी जनपद न्यायाधीश गुलाब सिंह की अध्यक्षता में न्यायालय स्थित ए.डी.आर भवन के उद्यान में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रभारी जनपद न्यायाधीश गुलाब सिंह ने बताया कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 48ए कहता है कि राज्य पर्यावरण संरक्षण व उसको बढ़ावा देने का काम करेंगे और देशभर में जंगलों व वन्य जीवों की सुरक्षा के लिये काम करेंगे। भारत का संविधान जड़ नहीं बल्कि एक जीवित दस्तावेज है जो समय के साथ विकसित और विकसित होता है। संविधान में पर्यावरण संरक्षण पर विशिष्ट प्रावधान भी इस विकसित प्रकृति और भूमि के मौलिक कानून की विकास क्षमता का परिणाम हैं। पर्यावरण संरक्षण भारत के प्रत्येक नागरिक का मौलिक कर्तव्य है इसे दिनचर्या में शामिल करना हर नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अक्षयदीप यादव ने कहा कि इस तरह के आयोजन न्यायालय परिसर में आयोजित होने से अधिवक्ताओं के साथ साथ न्यायालय में आने वाले वादकारी भी पर्यावरण के प्रति जागरूक होंगे, न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं के साथ कृतिम घोंसले और पानी के पात्र स्थापित किए जाएंगे। पर्यावरण का अधिकार भी एक ऐसा अधिकार है जिसके बिना व्यक्ति का विकास और उसकी पूर्ण क्षमता का उपयोग संभव नहीं होगा। समय समय पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 21, 14 और 19 का उपयोग पर्यावरण संरक्षण के लिए किया जाता है। सिविल न्यायाधीश जूनियर डिविजन (एफटीसी) ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण कानून और विधान हम मनुष्यों के साथ-साथ विभिन्न पौधों और जानवरों की रक्षा करने में केंद्रीय हैं, जिसमें हम मौजूद हैं। पर्यावरण कानून यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति, सरकारें और सहयोगी पर्यावरण या उसके पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान न पहुंचाएं। पर्यावरणविद पैनल अधिवक्ता पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि मानवीय जीवन के आरम्भ से ही मनुष्य एवं पर्यावरण में आपसी संबंध बना हुआ है। मनुष्य का जीवन प्रकृति पर निर्भर करता है। अतएव उसके अस्तित्व के लिये प्राकृतिक परिवेश अनिवार्य है। भारतीय संस्कृति में प्रकृति पृथ्वी को माँ कहा गया है। माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या। अर्थात पृथ्वी हमारी माँ है और हम पृथ्वी के पुत्र हैं। चूँकि पृथ्वी माता रूप में संपूर्ण ब्रह्माण्ड के जीवों का पालन पोषण करती है। अतएव इसका संरक्षण करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। इस दौरान आनंद चतुर्वेदी, जिला बार संघ कोषाध्यक्ष विजय पटेल, दर्शन बडौनिया, बलवीर यादव, रविंद्र घोष, मानवेंद्र यादव, अमन सुजरिया मटके, रामपाल सिंह, दीपक बुंदेला, धर्मेंद्र प्रताप, अखिलेश राय, न्यायिक कर्मचारी रविंद्र नायक, राजीव पटेल, विकास कुशवाहा आदि उपस्थित रहे और पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular