अवधनामा संवाददाता
सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में 82 प्रतिशत से अधिक बेड खाली
28 मई से दैनिक कोरोना संक्रमण का आंकड़ा दहाई में सिमटा
कुल एक्टिव केस पीक से 87 फीसद कम, रोज हो रही राहत भरी गिरावट
गोरखपुर (Gorakhpur)। सीएम योगी के ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के फार्मूले से गोरखपुर में कोरोना संक्रमण पर काफी हद तक नकेल कस दिया गया है। जिले के कोविड अस्पतालों में खाली बेड भी इसकी तस्दीक कर रहे हैं। जिले में सरकारी और निजी क्षेत्र के 52 अस्पतालों में कोविड मरीजों को भर्ती करने की सुविधा है जिनमे से 11 अस्पतालों में सभी बेड खाली हैं। इतने ही अस्पतालों में महज एक-एक कोरोना संक्रमित भर्ती हैं। शेष अस्पतालों में भी खाली बेडों की संख्या औसतन 82 प्रतिशत से अधिक है। बेड उपलब्धता को लेकर सरकारी पोर्टल पर अपलोड आंकड़ों के मुताबिक सभी कोविड अस्पतालों में उपलब्ध 2142 बेडों के सापेक्ष मंगलवार दोपहर तक 1777 बेड खाली थे। इस बीच पिछले कुछ दिनों से दैनिक संक्रमण के मामले दहाई में सिमटकर गिरावट की प्रवृति के साथ सुकून दे रहे हैं। कुल एक्टिव केस में जिस तरह कमी आ रही है, उससे प्रतीत होता है कि गोरखपुर अगले चार-पांच दिनों में आंशिक कोरोना कर्फ्यू से बाहर आ जाएगा। पीक की तुलना में कुल संक्रमितों की संख्या में 87 प्रतिशत तक की राहत भरी गिरावट आई है।
कोरोना के सेकेंड वेव में संक्रमण की रफ्तार इतनी तेज थी कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले संक्रमितों की भीड़ बढ़ने लगी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमितों के इलाज के लिए चिकित्सकीय संसाधनों में तेजी से इजाफा तो किया ही, संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट अभियान की गति को और तेज किया। सरकारी के साथ ही निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए बेड की संख्या लगातार बढ़ने से ऐसे मरीजों का इलाज सुनिश्चित हुआ तो गांव स्तर पर ट्रेसिंग व टेस्टिंग में तेजी आने से नए लोगों में संक्रमण का फैलाव भी रुका। मई माह के तीसरे सप्ताह से कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी आने तथा पहले से भर्ती मरीजों के रिकवर होने से अस्पतालों में बेड की किल्लत पूरी तरह समाप्त हो गई है। मंगलवार को जिले में सरकारी क्षेत्र के पांच व निजी क्षेत्र के 47 अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए बनाए गए 2142 बेड में से 1777 भर्ती के लिए खाली थे। यह संख्या बहुत राहत देने वाली है। करीब तीस अस्पताल ऐसे हैं जहां कोई भी संक्रमित भर्ती नहीं है या भर्ती होने वालों की संख्या एक-दो है। सर्वाधिक 500 बेड संख्या वाले बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में 325, 90 कोविड बेड की सुविधा वाले टीबी अस्पताल में 85, 25 कोविड बेड की क्षमता वाले रेलवे अस्पताल में 19, नेहरू अस्पताल के 40 बेड में से 33 तथा 30 बेड की क्षमता वाले एम्स में 28 बेड खाली थे। इसी तरह निजी क्षेत्र में सर्वाधिक बेड क्षमता वाले होप पनेशिया में 96 के सापेक्ष 60, फातिमा अस्पताल में 80 के सापेक्ष 76, गर्ग हॉस्पिटल में 67 के सापेक्ष 59, आर्यन हॉस्पिटल में 66 के सापेक्ष 53, दुर्गावती हॉस्पिटल में 54 के सापेक्ष 49, दिव्यमान हॉस्पिटल में 50 के सापेक्ष 41, पल्स हॉस्पिटल में 50 के सापेक्ष 42 तथा बॉम्बे हॉस्पिटल में 45 के सापेक्ष 30 बेड खाली थे।
अस्पतालों में खाली बेडों की संख्या संक्रमण में तेजी से गिरावट की गवाही है। 30 अप्रैल को कुल एक्टिव केस के मामले में पीक पर यहां 10308 कोरोना संक्रमित थे। 31 मई को जिले में कुल एक्टिव केस की संख्या घटकर सिर्फ 1402 रह गई है। 25 अप्रैल को एक दिन में सर्वाधिक 1440 संक्रमित मिले थे। मई माह में भी शुरुआती दौर में कई दिन दैनिक संक्रमण का ग्राफ एक हजार से अधिक का था, अब यह संख्या सिर्फ दहाई में है। 28 मई को 81, 29 को 53, 30 को 62 तथा 31 मई को सिर्फ 32 नए संक्रमित मिले थे। गिरावट का यह क्रम जारी रहा तो चार पांच दिनों में आंशिक कोरोना कर्फ्यू से तो निजात मिलेगी ही, रोजाना संक्रमण का ग्राफ इकाई में नजर आएगा।
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