अलोक अग्रवाल (अवधनामा संवाददाता)
सहारनपुर। (Saharanpur) बामसेफ एवं भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा कि ईवीएम के द्वारा लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। जिस कारण बहुजनों के हितों की लड़ाई लडने के लिए संघर्ष करने और ईवीएम को चुनाव से हटाने के लिए आगे आना होगा।
वामन मेश्राम आज यहां अम्बेडकरपुरम स्थित बामियान बौद्ध विहार में मण्डल समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ईवीएम द्वारा लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। बामसेफ इस षडयंत्र का पर्दाफाश कर बहुजन हितों की लड़ाई लडने के साथ नेता बनाने का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थित 8135 न्याय पंचायत में से प्रत्येक पंचायत व बूथ स्तर से एक सौ व्यक्तियो की यूनिट बनाकर ही जनांदोलन किया जा सकता है, और यह सब कार्य अनुशासन में रहकर ही सम्भव है। कफ्र्यू विषय पर बोलते हुए कहा कि इंडियन पीनल कोड में कफ्र्यू लगाने का अधिकार केवल जिलाधिकारी को होता है, लेकिन देश मे मोदी ने उक्त अधिकार का उल्लंघन कर जनता कफ्र्यूू लगाकर देश को बेवकूफ बनाने का कार्य किया है। उन्होंने लॉकडाउन को चुनावी स्टंट बताते हुए कहा कि भारत की समाज व्यवस्था के अनुसार 6743 जातियों में बंटे 85 प्रतिशत समाज की समस्या संवैधानिक व्यवस्था पूर्ण रूप से लागू न होने के कारण बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारे महापुरुषों के द्वारा समाज को जोडने के किए गए कार्य को पूरा करना बामसेफ व उसके कार्यकर्ताओ की जिम्मेदारी बनती है।
उन्होंने सभी से संवैधानिक व्यवस्था लागू करवाने हेतु समर्पित व समर्पण भाव से कार्य करने की बात कही। अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग के राष्ट्रीय प्रभारी मनोज कुमार ने निजीकरण को घातक बताते हुए कहा कि यह बहुजन समाज की भागेदारी समाप्त करने का षडयंत्र है। प्रदेश उपाध्यक्ष इंजी0 डीपी सिंह ने महात्मा फुले, शाहू व अम्बेडकर के विचारो पर चलने की बात कही। राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष चंद्र किरण ने कहा कि श्रम सुधारो के नाम पर श्रमिको के कानूनो का हनन हो रहा है। समीक्षा बैठक में मो0 इरशाद, मांगेराम गुर्जर, कामिल, प्रतिभा बर्मन, इंदरजीत सैनी, साबिर अली, एड0 राजेश कोहली, संतोष कुमार, सतीश कुमार व मोहकम सिंह ने भी विचार रखे। बैठक का संचालन सुशील शास्त्री व सतीश कुमार ने किया। इस दौरान सोबीर गौतम, कृष्ण कुमार, सेठपाल सिंह, राजकुमार बौद्ध, साधुराम बौद्ध, पंकज, फूलसिंह, अजित कुमार, अरविंद प्रधान, वकार अहमद, एसडी गौतम, कुलदीप लहरी, रामभूल अम्बेडकर, विशु गौतम, नीरज सैनी व राजकुमार कर्णवाल समेत आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।