अवैध सुविधा शुल्क मांगे जाने पर पीडि़त ने दर्ज की एफआईआर
फाइल स्टीमेट के नाम पर 43 हजार रुपये फोन-पे से जमा कराने का भी आरोप
ललितपुर। जिले के तालाबपुरा निवासी अभिषेक पुत्र रमेश सिंह के साथ एक बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है। पीडि़त ने ललितपुर साइबर क्राइम पुलिस थाना में दर्ज कराई एफआईआर (संख्या 0021/2025) में बताया कि उन्होंने धनलक्ष्मी बैंक से 14 लाख रुपयों का लोन लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। लोन प्रोसेसिंग के नाम पर उनसे 43 हजार रुपये की राशि फोन-पे के माध्यम से वसूली गई।
शिकायत के अनुसार, इसके बाद भी 5 हजार रुपये की अतिरिक्त गैरकानूनी मांग की जा रही थी। जब पीडि़त ने अपनी आर्थिक स्थिति खराब होने की बात कहते हुए लोन निरस्त करने को कहा तो अबतक जमा कराए गए रूपये भी वापस नहीं किए गए।
प्रमुख धाराएं इस पूरे घटनाक्रम के सम्बन्ध में पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 की धारा 66 डी और भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 318 (4) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस जांच जारी
साइबर क्राइम पुलिस थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि पीडि़त की शिकायत पर गंभीरता से जांच प्रारंभ कर दी गई है। डिजिटल भुगतान और संबंधित खातों की जानकारी को खंगाला जा रहा है। जल्द ही आरोपियों की पहचान कर उन्हें न्याय की गिरफ्त में लाया जाएगा।
पीडि़त की व्यथा
पीडि़त अभिषेक ने रिपोर्ट में लिखा है कि मैं एक गरीब व्यक्ति हूं, पैसे की कमी की वजह से ही लोन लेने की कोशिश की थी। पर धोखाधड़ी में मेरी कमाई की पूरी जमा पूंजी चली गई। मैं निराश हूं, कृपया मेरी सहायता की जाए और मेरा पैसा वापस दिलाया जाए।
साइबर क्राइम से रहें अलर्ट
साइबर विशेषज्ञों ने आम जनता को सतर्क करते हुए कहा है कि कोई भी बैंक लोन स्वीकृति के लिए फाइल चार्ज या प्रोसेसिंग फीस फोन पे, गूगल पे या किसी अन्य मोबाइल वॉलेट के माध्यम से नहीं लेता। ऐसी किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की तुरंत पुलिस या साइबर सेल को सूचना दें।
साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर आप भी ऑनलाइन लोन या बैंकिंग से जुड़ी किसी योजना का लाभ लेने जा रहे हैं, तो पहले बैंक की आधिकारिक वेबसाइट से संपर्क करें और किसी भी प्रकार के डिजिटल लेन-देन से पहले उसकी प्रमाणिकता जांच लें। इस प्रकार के मामलों से खुद को और अपने करीबियों को बचाए रखने के लिए सतर्क रहें-सुरक्षित रहें।