किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए संकल्पित होकर काम कर रहा प्रशासन : डीएम

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अवधनामा संवाददाता

 

लखीमपुर खीरी -किसानों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के उद्देश्य से शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता में किसान दिवस का आयोजित हुआ। इस दौरान किसानों ने अधिकारियों के सामने समस्याएं रखीं। डीएम ने अफसरों को किसानों की समस्याओं का समय से व गुणवत्तापरक निस्तारण कराने का निर्देश देते हुए मौजूद किसानों को पराली ना जलाए जाने का संकल्प दिलाया।डीएम ने कहा कि किसानों की समस्याओं का निदान शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए शासन-प्रशासन करते संकल्पित होकर काम कर रहा। इसके लिए केंद्र एवं प्रदेश सरकार किसानपरक योजनाओं के जरिए उन्हें समृद्ध बनाने के लिए नित नए कदम उठा रही है। शासन पराली जलाने की घटनाओं को लेकर काफी गंभीर है। कई किसान भाई जानकारी के अभाव में फसल अवशेष जैसे धान की पराली, गन्ने की पत्ती आदि जला दे रहे है, इससे फसल अवशेषों को जलाने से वातावरण पर दुष्प्रभाव पड़ने के साथ अन्य कई प्रकार की हानियां हो रही है। सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने मौजूद किसानों की न केवल समस्याएं सुनी बल्कि निराकरण के संबंध में मौजूद अफसरों को निर्देश दिए। अधिकारी अपने स्तर से किसानों की जिन समस्याओं का समाधान न कर सके, उसके बारे में अवगत कराएं ताकि उनका समाधान उचित फोरम पर कराया जा सके। किसान दिवस किसानों की समस्याओं के निस्तारण के लिए एक बेहतर मंच प्रदान करता है। इस दिवस पर किसान अपनी समस्याओं को न केवल निस्तारण करा सकते हैं बल्कि विशेषज्ञों से अपनी सभी जिज्ञासाओं को भी शांत कर सकते हैं।उप निदेशक (कृषि) अरविंद मोहन मिश्र ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए किसानों को फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के लिए जागरूक किया। किसानों की भूमि की उर्वराशक्ति और पराली जलाने से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। पराली जलाने पर कार्यवाही का प्रावधान भी है। उपस्थित अधिकारियों द्वारा विभाग से सम्बंधित योजनाओं एवम तकनीकी जानकारी भी किसानों को दी गयी।बैठक में जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार चौधरी, डीसीओ वेद प्रकाश सिंह, जिला कृषि रक्षा अधिकारी सत्येन्द्र सिंह, भूमि संरक्षण अधिकारी, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी मृत्युंजय सिंह, अध्यक्ष/वरिष्ठ वैज्ञानिक केवीके डा0 निरंजन लाल, कृषि वैज्ञानिक डा. पीके बिसेन, पीके शुक्ला, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता अन्य अधिकारी एवं कृषक उपस्थित रहें।

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