शोषितों वांछितों के  लिए सतत् संघर्ष करने वाले राजनेता थे धर्मवीर  – दरियाव सिंह पटेल

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अवधनामा संवाददाता

 प्रयागराज :  पूर्व केंद्रीय श्रम मंत्री और प्रदेश के गृह मंत्री रहे जननेता स्व० धर्मवीर  की 88वीं जयंती प्रयागराज के मुँडेरा मंडी ट्रान्सपोर्ट नगर चौराहे पर स्थापित उनकी मूर्ति स्थल पर धूम धाम से मनाई गयी। इस अवसर पर उनके घर पर आयोजित शांति हवन के पाश्चात्य मूर्ति स्थल पर एकत्र हुए सैकड़ों लोगों ने माल्यार्पण कर उन्हें कोटि कोटि नमन वंदन किया।
जयंती समारोह में वरिष्ठ समाजसेवी दरियाव सिंह पटेल जी ने धर्मवीर जी की जीवनी और संघर्ष को किसानों दलितों पिछड़ों व वंचितों के प्रेरणा हेतु प्रदेश के स्कूली पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने की माँग कि।
पूर्व सांसद शैलेंद्र कुमार जी ने कहा है कि धर्मवीर जी बाबा साहब डॉ बी. आर अंबेडकर की विचारधारा, शिक्षित हो संगठित हो और संघर्ष करो के अनुरूप काम कर रहे थे।
पासी विवाह मंच के प्रदेश अध्यक्ष राम अभिलाष सरोज ने कहा कि धर्मवीर जी ने अपने कुशल नेतृत्व से पासी समाज सहित वंचितों दलितों पिछड़ों में समाज के अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने की प्रेरणा जगाई थी।
पूर्व विधायक सत्यवीर मुन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित भारतीय राजनीति के कई शीर्ष पदों पर आसीन रहे धर्मवीर जी न सिर्फ एक कुशल राजनीतिज्ञ, सक्षम मंत्री एवं योग्य प्रशासक रहे बल्कि कुशल संगठनकर्ता, सामाजिक विचारक और बेहद मुखर वक्ता भी थे। उनकी प्रेरणा सदियों सदियों वंचितों को बेहतरी के लिए उत्प्रेरित करती रहेगी।
वरिष्ठ नेता मोईंनउद्दिन ने कहा कि महानायक धर्मवीर जी विपरीत स्थितियों में भी अडिग रहकर सर्वसमाज के विकास के लिए धरातल पर कार्य करते थे और द्वाबा से निकलकर देश के पटल पर अपना लोहा भी मनवाया था।
जयंती समारोह में उपस्थित सर्वश्री इसरार अहमद नेता जी महेंद्र सिंह पूर्व सभासद दिनेश केसरवानी एवं अतुल केसरवानी सुलेम सराय दधिकन्धों मेला कमेटी अध्यक्ष ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि धर्मवीर जी ने श्रम मंत्री के रूप में मजदूरों की जीवन स्थितियों में आवश्यक सुधार लाने और उनकी सामाजिक, आर्थिक सुरक्षा के लिए विशेष कानूनी नियम बनवाए थे, जो आज भी हमारे देश की श्रम नीति का आधार है। मात्र 49 साल की उम्र में इस महान राजनीतिज्ञ का निधन हो गया।वह भारतीय समाज और राजनीति में एक प्रभावशाली नेता के रूप में याद किए जाते रहेंगे। वह स्वतंत्र भारत के उन गिने चुने नेताओं में थे जिन्होंने देश की राजनीति के साथ ही दलित समाज में भी राजनीतिक चेतना का प्रसार किया था।
जयंती समारोह में आर्य समाज की ओर से हवन पूजन के बाद माल्यार्पण कार्यक्रम में मुख्य रूप से अशोक सिंह पूर्व सभासद अधिवक्ता महेंद्र सिंह सुश्री रीता मौर्या श्रीमती इंदिरा देवी उर्मिला शर्मा ऊषा शैलेंद्र मधुवीर आनंद आर्य विधि मौर्या शिव कुमार शर्मा दीक्षा आर्य रामसुरेमन आर्य भैयाराम पासी सूरज पाल धर्म नारायण फ़ौजी नन्दकिशोर नंदू शाश्वत आर्य सूर्यवीर सुदीप वर्मा सुरेश मौर्या बैतूल पांडे मिराज रिज़वी मक़सूद ख़ान प्रकाश गौतम दिनेश खारे सुशील केसरवानी प्रखर सक्सेना ओमप्रकाश राजीव सक्सेना फूल चंद्र शिव कुमार शर्मा दिनेश आर्य मक़सूद ख़ान मनोज कुमार राम प्रकाश गौतम देवेन्द्र आर्य अश्वनी आर्य शिवशरण शशिकांत मनोज पाण्डे बबलू यादव पूर्व प्रधान एडवोकेट आदित्य कैथवास कुलदीप शुक्ला राजीव दास चंदन पासी विशाल पासी अनिस कुमार बहादुर सरोज राजू यादव प्रधान आदि लोग ने माल्यार्पण कर अपने नेता को श्रद्धासुमन अर्पित किया।

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