अवधनामा संवाददाता
41 स्थानों पर डाली गई 43 हजार गम्बूजिया मछली
डेंगू का लार्वा नष्ट करती ये मछलियां
देवरिया(Devariya) संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत जिले के पोखरे और तालाब गम्बूजिया मछली डाली जा रही है। डेंगू एवं मलेरिया के डंक स लोगों को बचाने के लिए गम्बूजिया मछली बचाव करेगी। इसके लिए जिले के तालाबों में गम्बूजिया मछलियां छोड़ी जा रही है। मत्स्य पालन विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई गम्बूजिया मछली को अब तक 41 स्थानों में 43 हजार मछलियां डाली जा चुकी है। जल्द ही ग्राम पंचायत विभाग द्वारा चिन्हित किये गए शेष तालाब में मछलियां डाली जाएंगी।
एसीएमओ वेक्टर बार्न डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने बताया गम्बूजिया असल में ऐसी मछली है जो डेंगू-मलेरिया फैलाने वाले जानलेवा मच्छरों के लार्वा को खाकर लोगों को मच्छरों के प्रकोप से बचा सकती है। स्वास्थ्य विभाग भी डेंगू-मलेरिया के मच्छरों से लड़ने के लिए ईको-फ्रेंडली तरीकों को बढ़ावा दे रहा है। यही वजह है कि मत्स्य पालन विभाग द्वारा शहर के हनुमान मंदिर पोखरा और गौरीबाजार के नकाटा नाला में गम्बूजिया मछली पालन किया गया है। रामपुर कारखाना ब्लॉक ग्राम पंचायत सीरिसिया , बेलवा, हरपुर काला, बरारी, मठिया गौतमचक, बैकुंठपुर, देसई देवरिया, डीहबसंतपुर, हरिहपुर, भटनी दादन, डुमरी, पथरदेवा ब्लॉक के जोकवा बुजुर्ग, बाभनौली, कुचीया, पिपरा, महुआना बुजुर्ग, विसनपुर, गौर कोठी और भलुअनी ब्लॉक के पकड़ी खास सहित 41 स्थानों पर 43 हजार गम्बूजिया मछली डाली गई है।
इसलिए जरूरी है गम्बूजिया मछली
सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि के मुताबिक डेंगू फैलाने वाले मादा ऐडीज मच्छर और मलेरिया फैलाने वाले मादा एनाफलीज मच्छरों को फैलने से रोकने के लिए तालाबों के पानी में गम्बूजिया मछली छोड़ी जा रही हैं। पानी पर अंडे देने वाले मच्छरों के लार्वा को ही मच्छर पैदा होने से पहले ही यह मछली चट कर जाएगी। मच्छरों की बढ़ती तादाद पर कुछ हद तक रोक लगेगी। एक गम्बूजिया मछली 24 घंटे में 100 से 300 लार्वा खा सकती है। गम्बूजिया मछली को ग्रो होने में 3 से 6 महीने का वक़्त लगता है। एक मछली एक महीने में करीब 50 से 200 अंडे दे सकती है। एक मछली करीब 4 से 5 साल जिंदा रह सकती है।
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