शहीद नवीन को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दी गई अंतिम विदाई

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Shaheed Naveen was given a final farewell with the Guard of Honor

अवधनामा संवाददाता

सांसद रवि किशन, विधायक शीतल पांडेय पांडेय शहीद को दी अंतिम विदाई
शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ा जनसैलाब
गोरखपुर। (Gorakhpur) शहीद सैनिक नवीन को आज सेना कमांड के द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया शहीद सैनिक का शव अन्तिम संस्कार के लिए कालेसर मोक्षधाम में गाजे बाजे के साथ देश भक्ति की गीतो के गुंज के साथ ग्रामीणों के हुजूम ने दी शहीद नवीन को अंतिम श्रद्धांजलि आपको बता दे की आतंकी हमले में शहीद हुए शाहपुर के दरगहिया मौर्या टोला निवासी सेना के जवान नवीन कुमार सिंह की वीरता व शौर्य का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वजन को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी है। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व जिले की एक सड़क शहीद के नाम पर करने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ट्वीट कर सेना के जवान नवीन कुमार के शौर्य व वीरता को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने ट्वीटर पर यह भी घोषणा की है कि शहीद के स्वजन को 50 लाख रुपये, परिवार के एक सदस्य को नौकरी देंगे। जनपद की एक सड़क का नामकरण शहीद नवीन कुमार सिंह के नाम पर करेंगे। बता दें नवीन सोमवार को आतंकी हमले में शहीद हो गए। वह अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनकी अभी शादी भी नहीं हुई थी। वह मूल रूप से खजनी के भगवानपुर गांव के रहने वाले थे। उनके पिता जयप्रकाश सिंह भी सेना में थे। वह वर्ष 2006 में सेवानिवृत्त हैं। वह नंदानगर के दरगहिया में मकान बनवाकर 2015 से परिवार के साथ रहते हैं।
वर्ष 2015 में नवीन सेना के 9 आरआर कोर में भर्ती हुए थे। स्वजन ने बताया कि इस समय वह दक्षिणी काश्मीर के कुलग्राम में उनकी तैनाती थी। किसी काम से श्रीनगर आए थे । जहां आतंकी हमले में शहीद हो गए।
नवीन के मौत की खबर सैन्य अधिकारी ने फोन कर परिजनों को दी। इसके बाद क्षेत्र में कोहराम मच गया। बता दें नवीन के पिता जय प्रकाश सिंह भी सेना में थे, वर्ष 2006 में रिटायर्ड हुए हैं। जय प्रकाश और ऊषा के चार बच्चे हैं, दो बड़ी बेटियों की शादी हो चुकी है जबकि बड़ा भाई विकास सिंह लखनऊ में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है। नवीन अपने चार भाई बहनों में सबसे छोटे थे। अभी शादी भी नहीं हुई थी। नवीन की मौत पर पिता जयप्रकाश ने कहा कि बेटे के सिर पर सेहरा देखने का सपना अधूरा रह गया। लेकिन हमें फक्र है कि हमारा बेटा देश की रक्षा करते हुए अपनी कुर्बानी दी।
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