आरएसएस के ‘दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव’ कार्यक्रम को संबोधित किया मुख्यमंत्री ने
दीया जलाने के विरुद्ध अखिलेश का बयान प्रजापति समाज का अपमान : सीएम योगी
अखिलेश यादव को श्रीराम, देवी देवताओं, सनातन धर्म और इसके त्योहारों से नफरत : सीएम योगी
गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के दीपोत्सव को लेकर दिए गए बयान पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर एक बार फिर शाब्दिक प्रहार किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि दीपावली पर दीये जलाने के विरुद्ध बयान देकर अखिलेश यादव ने यह सिद्ध कर दिया है कि उन्हें अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर, देवी देवताओं, सनातन धर्मऔर दीपावली जैसे इसके पर्व-त्योहारों से भी नफरत है। उनका बयान प्रजापति समाज (कुम्हारों) का अपमान करने वाला है। उन्होंने अखिलेश पर यह भी तंज कसा कि गद्दी तो विरासत में मिल सकती है, बुद्धि नहीं। बिना विवेक वाले लोग ही दीपावली का विरोध करते हैं।
सीएम योगी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष पर गोरखपुर विभाग द्वारा आयोजित विचार-परिवार कुटुंब स्नेह मिलन एवं ‘दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मंगलवार देर शाम योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अयोध्या में 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बने मंदिर के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि संघ की सौ वर्ष की यात्रा के कालखंड में असंभव को भी संभव होते देखा गया है। राम मंदिर को लेकर सपा, कांग्रेस और इंडी गठबंधन के लोग प्रश्न करते थे संघ के स्वयंसेवक दृढ़ संकल्प से कहते थे कि मंदिर जरूर बनेगा। संघ ने बंदिशें झेलीं, स्वयंसेवकों ने लाठी गोली खाई। परिणाम भव्य श्रीराम मंदिर के रूप में सबके सामने है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो अयोध्या साढ़े आठ वर्ष पूर्व वीरान थी, अब वहां का भव्य दीपोत्सव नई पहचान बन गया है। इस बार 26 लाख 17 हजार दीये जलाने का नया विश्व रिकार्ड बना है। उन्होंने कहा कि सपा को दीया जलाने पर भी परेशानी है। सपा प्रमुख कहते हैं कि दीया जलाने की आवश्यकता क्या है, मोमबत्ती जला लेते। उनका यह बयान तिलहन की पैदावार कर दीयों को तेल देने वाले अन्नदाता किसानों और मिट्टी के दीये बनाने वाले कुम्हारों का अपमान है। 2017 के पूर्व मिट्टी को लेकर कुम्हारों की पीड़ा को अगर समझा होता तो बबुआ (सपा प्रमुख अखिलेश यादव) बचकाना बयान नहीं देते।
उन्हें नहीं मालूम है कि दो करोड़ लोग मिट्टी के दीयों से लेकर बर्तन के कारोबार से जुड़े हुए है। मिट्टी के उत्पाद आर्थिक निर्भरता और स्वावलंबन का प्रतीक हैं। सीएम ने कहा कि अखिलेश को सनातन धर्म के त्योहारों, देवी-देवताओं से नफरत है। अखिलेश, दुर्योधन की मूर्ति लगाने की बात करते हैं, हमनें कहा कि कंस की भी मूर्ति लगवा लो। सपा को रामद्रोही, कृष्णद्रोही और सनातन पर्व द्रोही बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अयोध्या, मथुरा, वृंदावन की आभा चमकाती रहेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कांग्रेस को भी निशाने पर रखा। कहा कि कांग्रेस प्रभु राम और कृष्ण को नकारती थी। कांग्रेस ने अदालत में एफिडेविट देकर कहा था कि भगवान राम और कृष्ण मिथक हैं। सपा ने निर्ममता के साथ राम भक्तों पर गोलियां चलाई थीं। उन्होंने कहा कि आज दुनिया अयोध्या में आकर प्रभु श्रीराम के दर्शन कर अभिभूत हो रही है। पिछले साल 6 करोड़ लोगों ने अयोध्या में प्रभु राम का दर्शन किया। प्रयागराज में महाकुंभ के 66 करोड़ से अधिक लोग साक्षी बने। मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा और कांग्रेस के लोग इसमें शुरूआत से ही खोट निकाल रहे थे।
आस्था पर सर्वाधिक कुठाराघात राजनीतिक इस्लाम ने किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में अंग्रेजों के वर्षों तक किए गए शासन, ब्रिटिश उपनिवेश की चर्चा होती है। फ्रांस के उपनिवेश की चर्चा होती है। पर, ‘राजनीतिक इस्लाम’ की कहीं चर्चा नहीं होती है जिसने आस्था पर सर्वाधिक कुठाराघात किया। ब्रिटिश उपनिवेशवाद और फ्रांस के उपनिवेशवाद के खिलाफ हमारे पूर्वज लड़े थे। साथ ही राजनीतिक इस्लाम के खिलाफ भी हमारे पूर्वजों ने लड़ाई बड़ी-बड़ी लड़ाइयां लड़ी थीं। छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह जी महाराज, महाराणा प्रताप, महाराणा सांगा को हम इसी बात के लिए स्मरण करते हैं। इसी बात को लेकर हम उनको राष्ट्र नायक के रूप में सम्मान देते हैं। सीएम योगी ने कहा कि यह राजनीतिक इस्लाम वही है जो आज छांगुर के रूप में डेमोग्राफी को चेंज करके राष्ट्र माता के टुकड़े-टुकड़े करने की मंशा के साथ कार्य कर रहा है। और, उससे सतर्क रहने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज समाज को जोड़ने के लिए जिस अभियान को आगे बढ़ा रहा है वह अत्यंत अभिनंदनीय प्रयास है।
कालनेमि बनकर षड्यंत्रों को अंजाम दे रहा था जलालुद्दीन, तय कर रखे थे बालिकाओं के रेट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी लोगों ने विगत दिनों बलरामपुर जिले में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के षड्यंत्रों का पर्दाफाश होते देखा होगा। वह व्यक्ति कालनेमि बनकर पूरे क्षेत्र में षड्यंत्रों को अंजाम दे रहा था। जब उसके खिलाफ टीम बनाई तो कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि यह नहीं मानते थे कि छांगुर का असली नाम जलालुद्दीन है। जलालुद्दीन छांगुर बाबा के नाम से धर्मांतरण करवाता था। वह राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में, अराजक गतिविधियों में लिप्त था। उसने रेट तय कर रखा था कि अपर कास्ट, पिछड़ी और अनुसूचित जाति की बालिकाओं के लिए कितना पैसा देगा।
धर्मांतरण, लव जिहाद और आतंकवाद में खर्च हो रहा हलाल सर्टिफिकेशन का पैसा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलालुद्दीन उर्फ छांगुर जैसे लोगों के पैसे का स्रोत आमजन को नहीं मालूम होगा। उसके पास पैसा दूसरे देश से नहीं बल्कि आप ही के पास से आ रहा था। सीएम ने कहा कि यह पैसा हलाल सर्टिफिकेशन के नाम का पैसा है। उन्होंने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि आप जब कोई सामान खरीदते हैं तो एक चीज जरूर देखिए कि उसमें हलाल सर्टिफिकेशन तो नहीं लिखा हुआ है। सरकार ने यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन को प्रतिबंधित किया है। आज यूपी में कोई उसे खरीदने और बेचने का दुस्साहस आज नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि आप आश्चर्य करेंगे साबुन, कपड़े और यहां तक कि दियासलाई का भी हलाल सर्टिफिकेशन किया जा रहा था। इससे बड़ा झूठ और षड्यंत्र नहीं हो सकता, क्योंकि माचिस तो हलाल नहीं बल्कि झटका वाली है। झटके में ही जलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमनें जब कार्रवाई प्रारंभ की तो पता चला कि 25000 करोड रुपये देश के अंदर हलाल सर्टिफिकेट के होते हैं। भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी भी एजेंसी ने इसे मानता नहीं दी है। हलाल सर्टिफिकेशन का सारा का सारा पैसा आतंकवाद के लिए, लव जिहाद के लिए, धर्मांतरण में दुरुपयोग होता है। इसीलिए उत्तर प्रदेश में इसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई प्रारंभ की है कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर भारत के उपभोक्ताओं का शोषण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी ही चाहिए। आमजन को सतर्कतापूर्वक सामान खरीदना चाहिए। हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर एक फूटी कौड़ी भी नहीं देना चाहिए। क्योंकि, इसमें जितना पैसा जाएगा वह आपके के ही खिलाफ षड्यंत्रों में इस्तेमाल होगा। यह षड्यंत्र किस स्तर पर हो रहा है, उसका एक नमूना मात्र है जलालुद्दीन उर्फ आपके अगल-बगल के क्षेत्र में किसी अन्य रूप में मौजूद होंगे। आपको उनकी गतिविधियों पर नजर रखना होगा, बहुत सतर्कता पूर्वक देखना होगा।
फिर हो रही है हिंदू समाज को विभाजित करने की साजिश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिंदू समाज को जाति के नाम पर, क्षेत्र और भाषा के आधार पर विभाजित करने की साजिश फिर से प्रारंभ हुई है। इसके लिए बड़ी मजबूती के साथ सारे हथकंडे अपने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के महापुरुषों को, राष्ट्र नायकों को जातीय संकीर्णता में बांधने की कुचेष्ठा की जा रही है जबकि महापुरुष किसी जाति या समुदाय के नहीं बल्कि पूरे देश के आराध्य होते हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फेक अकाउंट बना करके जाति के नाम पर वैमनस्यता और विष वमन किया जा रहा है। सनातन धर्म से जुड़े हुए पर्व और त्योहारों के बारे में, भारत के आराध्य देवों के प्रति अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर देश के अंदर लव जिहाद, धर्मांतरण जैसी समाज विरोधी, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को प्रश्रय दिया जा रहा है। समाज को इसे लेकर जागरूक और सतर्क रहना होगा।
कालनेमि, ताड़का और शूर्पणखा की प्रासंगिकता हर युग में, सतर्क रहें
सीएम योगी ने कहा कि हमें याद रखना होगा कि समाज तोड़ने के बारे में कालनेमि, ताड़का और शूर्पणखा जैसे रामायण कालखण्ड के पात्रों की प्रासंगिकता वह हर युग में रही है। हर युग में किसी न किसी रूप में वे अपनी मौजूदगी से अपने षड्यंत्रों को अंजाम देने के लिए तैयार रहते हैं। हमें आज भी उस दुष्प्रवृत्ति से अपने को सचेत रखना पड़ेगा जो भोलीभाली जानती को बहलाने का काम कर रहे हैं। जो परिवारों के अंदर घुसकर, छद्म नाम से हिंदू बेटियों के साथ छल कपट, प्रपंच, खिलवाड़ करके कुत्सित कार्य कर रहे हैं।
सीएम आवास में ईद मिलन होता था, दीपावली या होली मिलन नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के पूर्व लखनऊ के मुख्यमंत्री आवास में ईद मिलन होता था, लेकिन दीपावली और होली मिलन के कार्यक्रम नहीं होते थे। देश की संवैधानिक व्यवस्था के कारण उनका मानना था कि मुख्यमंत्री आवास और राजभवन में ऐसे आयोजन नहीं होने चाहिए। सरकारी स्तर पर इसे रोका गया है, लेकिन समाज की सहभागिता से त्योहारों को लेकर उत्साह बढ़ा है। गोरखपुर में भगवान नरसिंह भगवान की शोभा यात्रा में हजारों लोग जुटते हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कुटुंब स्नेह मिलन कार्यक्रम से जुड़ते हैं तो यह स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि 28 विचार परिवार को एक मंच देना अभिनंदनीय है।
जहां सरकार नहीं पहुंच सकी, संघ ने काम किया
सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जीवन के विभिन्न अंग में काम किया। जहां सरकार नहीं पहुंच सकी, वहां भी संघ ने काम किया। पूर्वोत्तर के राज्यों में संघ को अपने प्रचारकों, स्वयंसेवकों को खोना पड़ा लेकिन वह अपने मिशन पर लगे रहे। अस्सी के दशक में गोरखपुर में संघ ने श्रीराम वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना की। पूर्वोत्तर के राज्यों से आने वाले बच्चे पढ़कर निकले को मुख्यधारा से जुड़े। उन्होंने कहा कि संघ की यात्रा दूरदर्शी है। इसका दूरगामी परिणाम मिला है। नक्सलवाद को लेकर संघ का काम अच्छा है। शिक्षा के क्षेत्र में संघ ने शिशु मंदिरों और विद्या भारती के जरिये सनातन संस्कार के साथ पीढ़ी को आगे बढ़ाने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ ने कारखाना के साथ मजदूरों के हित को साथ-साथ देखा। उन्होंने कहा कि राजनीति के क्षेत्र में संघ के स्वयंसेवक को देश का नेतृत्व मिला तो दुनिया उसके पराक्रम और दूरदर्शी सोच को देख रही है।
आरएसएस जैसा संगठन होना भारत का सौभाग्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का सौभाग्य है कि यहां आरएसएस जैसा बिना सरकारी सहयोग से संचालित वाला संगठन है। दुनिया में ऐसा कोई दूसरा संगठन नहीं है। जिसकी निष्ठा और भाव राष्ट्र प्रथम है। संघ के पथ संचलन में अराजकता, अव्यवस्था नहीं दिखती है। प्रशासन ने कोई आपत्ति रूट को लेकर की तो संघ ने समाज के साथ खड़ा होकर काम किया। संघ के खिलाफ 100 वर्ष में साजिश, दुष्प्रचार, षड्यंत्र हुए लेकिन संघ स्वत:स्फूर्ति भाव से काम करता रहा।
पंच परिवर्तन विकसित भारत की आधारशिला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में तय किए गए पंच परिवर्तन सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी से आत्मनिर्भरता और नागरिक कर्तव्यों का उल्लेख किया और कहा कि पंच परिवर्तन विकसित भारत की आधारशिला हैं। उन्होंने कहा कि विकसित समाज और विकसित राष्ट्र के लिए समाज को आगे और सरकार को समाज के पीछे चलना होगा। मुख्यमंत्री ने पंच परिवर्तन के प्रत्येक संकल्प के बारे में विस्तार से समझाया। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि कुटुंब मिलन का कार्यक्रम परिवार संस्कार की पाठशाला है। देश के अलग अलग हिस्सों में बोली, भाषा, वेशभूषा, खानपान अलग होने के बावजूद एक भाव और भंगिमा के साथ एक स्वर में भारत माता के प्रति समर्पण का भाव पारिवारिक संस्कार है आता है। मजबूत समाज के लिए संयुक्त परिवारों की परंपरा सबसे सुदृढ़ नींव है।
रोकना पड़ेगा परिवार में विधर्मी की घुसपैठ को
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें परिवार में किसी भी विधर्मी की घुसपैठ को रोकना पड़ेगा। हम सबसे मिलें लेकिन सतर्कतापूर्वक। अपरिचित पर कतई विश्वास न करें। जो समाज और देश के खिलाफ षड्यंत्र में शामिल है, जो समाज व देश का दुश्मन है, वह हमारा हितैषी हो ही नहीं सकता, वह हमारा भी दुश्मन है। देश के दुश्मनों को अपना हितैषी मानना सबसे बड़ी गलतफहमी होगी।
विरोधों के सागर में चट्टान है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : रमेश जी
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गोरक्ष प्रांत के प्रचारक रमेश जी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि सनातन, भारत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कोई फर्क नहीं है। तीनों एकाकार हैं। यह दुनिया का पहला संगठन है जो स्वावलंबी है। उन्होंने कहा कि सौ वर्ष की यात्रा में संघ ने अनेक साजिशों व चुनौतियों का सामना किया लेकिन विरोधों के सागर में चट्टान की भांति खड़ा रहा। षड्यंत्रों को तोड़कर संघ हमेशा निष्कलंक निकला है। ‘देश के लिए जीना सीखें’ विचार को लेकर 27 सितंबर 1925 को 17 स्वयंसेवकों के साथ डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने जिस संगठन का बीजारोपण किया था, आज वह सनातन और भारतीयता को आगे बढ़ाते हुए वटवृक्ष बन चुका है।
प्रांत प्रचारक ने एक अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष पर डाक टिकट और मां भारती के चित्र वाली मुद्रा जारी करने को ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि संघ का संकल्प है कि पूरे जग में जय जय भारत गूंजे। दुनिया में भारत मां सबसे बड़ी शक्ति के रूप में विराजमान हों। उन्होंने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में सात चरणों में होने वाले कार्यक्रम के तहत पहले चरण में हुए पथ संचलन की उपलब्धियों का विवरण भी प्रस्तुत किया। बताया कि गोरक्ष प्रांत में पहले चरण में 1875 कार्यक्रम हुए जिनमे से 925 कार्यक्रम पथ संचलन के थे। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में गृह सम्पर्क अभियान के अंतर्गत गोरक्ष प्रांत में संघ के स्वयंसेवक 50 लाख सनातनियों के घर जाएंगे। रमेश जी ने कहा कि शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में ‘दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव तक’ जैसे कार्यक्रम का पहला प्रयोग गोरखपुर से हो रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रांत संघचालक डॉ. महेंद्र अग्रवाल ने की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रांत प्रचारक और प्रांत संघचालक के साथ दीप प्रज्वलन तथा मां भारती के चित्र पर पुष्पार्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद संघ के स्वयंसेवक ने भगवा ध्वज की स्थापना की। कार्यक्रम के दौरान विविध मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं। समापन मां भारती की आरती से हुआ।
इस अवसर पर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक राजेश त्रिपाठी, महेन्द्रपाल सिंह, डॉ. विमलेश पासवान, सरवन निषाद प्रदीप शुक्ल, डॉ. असीम कुमार, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, पूर्व महापौर अंजू चौधरी, सत्या पांडेय, सीताराम जायसवाल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत प्रचारक सुरजीत जी, पूर्व प्रांत संघचालक विद्या भूषण, डॉ. पृथ्वीराज सिंह, सह विभाग संघचालक आत्मा सिंह, भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव रंजन, विद्या भारती के प्रो. रामदरश राय, सेवा भारती के आलोक श्रीवास्तव, संस्कृत भारती के डॉ. जोखन पांडेय, अरुण प्रकाश मल्ल, डॉ. पीएन सिंह, राजाराम, शिवशंकर सहित संघ के कई पदाधिकारी और संघ से जुड़े 28 संगठनों के स्वयंसेवक सपरिवार उपस्थित रहे।





