विकलांग दंपति के आवास निर्माण में बाधा, परिवार पर हमला

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ललितपुर। जिले के ग्राम पनारी में एक विकलांग दंपति और उनके परिवार पर गुंडई के बल पर हमला करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शासन द्वारा स्वीकृत आवास निर्माण को रोकने के लिए कुछ दबंगों ने न केवल मारपीट की, बल्कि जान से मारने की धमकी देकर परिवार को पलायन के लिए मजबूर करने की कोशिश की। पीडि़त भागवती पत्नी धर्मवीर और उनके परिवार ने जिला प्रशासन से सुरक्षा और कठोर कार्रवाई की गुहार लगाई है।

घटना का विवरण

श्रीमती भागवती और उनके पति, दोनों विकलांग, को शासन द्वारा आवास निर्माण के लिए स्वीकृति मिली थी। 21 मई 2025 को सुबह 9.30 बजे जब वे अपने मकान के पिलर के लिए गड्ढे खोद रहे थे, तभी गांव के कुछ दबंगों- रामबाबू पुत्र जगदेव, अरविंद उर्फ संजू पुत्र जगदेव, प्रमोद पुत्र जगदेव, अक्षय पुत्र प्रमोद उर्फ शीलू, मुकेश और रजनीश पुत्रगण शंकर तिवारी, हल्ली पुत्र स्व. रामसेवक और बड़े तिवारी पुत्र रामसेवक ने लाठी, डंडों और लोहे की छड़ों के साथ हमला बोल दिया। आरोपियों ने भागवती को गालियां दीं, जमीन पर गिराकर मारपीट की और निर्माण कार्य रोकने की धमकी दी। जब भागवती की जेठानी शोभाबाई, जानकी और देवरानी भावना ने बचाव के लिए चीख-पुकार की, तो उनके साथ भी बेरहमी से मारपीट की गई। जानकी को गंभीर चोटें आईं, जबकि भावना का हाथ टूट गया। इसके अलावा, भागवती के ससुर गुलाब पुत्र भैयालाल पर 20 मई 2025 की रात 10 बजे खेत जाते समय हमला किया गया, जिसमें वे किसी तरह जान बचाकर भागे।

परिवार की बेटी के साथ क्रूरता

दबंगों ने भागवती के जेठ की पुत्री रजनी पर भी हमला किया, जिसके चलते उसके कान का पर्दा फट गया। डाक्टरों ने इसकी पुष्टि की है। पीडि़त परिवार का आरोप है कि ये लोग आए दिन गाली-गलौज और धमकियां देकर उन्हें गांव छोडऩे के लिए मजबूर कर रहे हैं।

मुकदमा दर्ज, फिर भी धमकियां जारी

21 मई 2025 को थाना कोतवाली में मुकदमा संख्या 0586/2025, धारा 191(2), 352 और 351(3) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बावजूद, आरोपियों ने 28 मई 2025 को फिर से धमकी दी कि यदि निर्माण कार्य बंद नहीं किया गया और मुकदमे में राजीनामा नहीं किया, तो वे पैसे और बल से कुछ भी कर सकते हैं। पीडि़त परिवार का कहना है कि आरोपी लगातार दबाव बना रहे हैं और उनके पीछे लोगों को भेजकर राजीनामा करने के लिए कहलवाते हैं।

परिवार की गुहार

श्रीमती भागवती ने जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनकी जान-माल की रक्षा की जाए और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो कोई अप्रिय घटना हो सकती है, जिसकी जिम्मेदारी आरोपियों की होगी।

प्रशासन से अपील

यह मामला न केवल कानून-व्यवस्था की गंभीर स्थिति को दर्शाता है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि क्या शासन की योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंच पाएगा? जिला प्रशासन और पुलिस से मांग की जा रही है कि पीड़ित परिवार को न्याय और सुरक्षा प्रदान की जाए, ताकि वे बिना डर के अपने हक का उपयोग कर सकें।

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