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सभी बार एवं अधिवक्ता करें चीनी वस्तुओं के बहिष्कार: ए.ऍफ़.टी.बी.ए.
भारतीय सेना के समर्थन में ए.ऍफ़.टी.बार ने किया चीनी वस्तुओं का बहिष्कार: विजय कुमार पाण्डेय
भारत की सांस्कृतिक विरासत किसी भी राष्ट्र पर आक्रान्ता के रूप में आक्रमणकारी की नहीं रही है और न ही भारत ने कभी किसी के अंदरूनी मामलों में व्यक्तिगत हितों को सिद्ध करने के लिए हस्तक्षेप ही किया है लेकिन जब कभी देश के सामने किसी भी राष्ट्र ने सामरिक चुनौती खड़ी की है तो उसने कभी भी उसका जवाब देने में भी पीछे मुड़कर नहीं देखा l डोकलाम क्षेत्र में चीन की आक्रामक नीति के कारण भारतीय सम्प्रभुता को चुनौती सड़क बनाने के बहाने चीन द्वारा प्रस्तुत की गई जबकि उसे भी भलीभांति मालूम है की उसका यह कदम किसी भी रूप में उचित नहीं है लेकिन भारतीय सेना ने उसकी मनसा को भांपकर उसके नापाक इरादों को कामयाब न होने देने का दृढ-संकल्प किया और उसे डोकलाम तक पहुँचने से रोंक दिया l
इसी विषय पर ए.ऍफ़.टी.बार एसोसिएशन, लखनऊ की मीटिंग हुई जिसकी अध्यक्षता डा.सत नारायण सिंह ने की और कहा कि भारत की शांतिपूर्ण-सौहार्द की नीति को कमजोरी समझने का प्रयास चीन को नहीं करना चाहिए, भारत एक संप्रभु एवं सक्षम राष्ट्र है और अपनी सम्प्रभुता को सुरक्षित रखना बखूबी जानता है l चीन को भारत सामरिक और आर्थिक-शक्ति को चुनौती देने की हिमाकत नहीं करनी चाहिए चूँकि हमारी सेना सीमा पर चीन की सेना के साथ युद्ध की स्थिति में तैनात है और चीन ने हमारे भारतीय गौरव को चुनौती दी है लिहाजा हमारी बार चीन में उत्पादित और निर्मित उत्पादों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है l
ए.ऍफ़.टी.बार एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी विजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि जब हमारी सेना किसी देश के साथ युद्ध की स्थिति का सामना कर रही हो तो हम कैसे उस देश के सामान का प्रयोग कर सकते हैं हमारी बार भारतीय सेना के साथ मजबूती से खड़ी है और यदि आवश्यकता पड़ी तो उसके लिए हमारी बार जरुरी सहयोग करेगी l विजय पाण्डेय ने कहा कि भारतीय सेना जल, थल, वायु और तकनीकी दृष्टि से दुनिया की सर्वोत्तम सेना है और वह किसी भी स्थिति में चीन से निपटने में सक्षम है l हमारी बार का मानना है कि देश में चीनी उत्पादों की खरीद से चीन की आर्थिक शक्ति का विस्तार होता है और वह उसका प्रयोग भारत की सेना के विरुद्ध ही करता है इसलिए अब हमारी बार कृत संकल्प है कि चीनी सामानों के बहिष्कार का मुद्दा वह अन्य अधिवक्ताओं एवं बारों के बीच लेकर जाएगी जिससे चीन सीमा पर मुस्तैद सेना के मनोबल को बढाया जा सके l
बार के वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व जनरल सेक्रेटरी डी.एस.तिवारी ने कहा कि भारत का जन-मानस चीन की नीतियों के खिलाफ चीन निर्मित उत्पादों का व्यापक-स्तर पर बहिष्कार करेगी और यदि आवश्यकता पड़ी तो सेना के समर्थन में उतरकर एक अभियान के रूप में बहिष्कार आन्दोलन का प्रारम्भ करेगी l संयुक्त-सचिव पंकज कुमार शुक्ला ने कहा भारतीय सेना चीन से सीमा पर आमने-सामने खड़ी हो तो हम चीनी सामान का कैसे उपयोग कर सकते हैं , बार के सदस्य अवधेश नारायण त्रिपाठी ने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी और सरकार ने इजाजत दी तो हम सीमा पर जाकर खुद चीन को जवाब देंगें l बहिष्कार में वी.पी पाण्डेय, पारिजात बेलोरा, अशोक कुमार, आशीष कुमार सिंह, दीपक, राजीव गुप्ता ‘आशु’, अंशुल गौतम एवं आलम मौजूद थे.