गोरखपुर। (Gorakhpur ) शिया वक्फ बोर्ड में पंजीकृत (वक्फ नंबर (1-1524) अशरफुन्ननिसा खानम (Ashrafunnisa Khanam ) पत्नी मिर्जा बन्दे अली बेग (Bande Ali Baig) की करोड़ों रुपये की संपत्ति के बंदरबाट का मामला सामने आया है। मिर्जा अली अब्बास (Mirza Ali Abbas ) की तहरीर पर इन संपत्तियों को व्यक्तिगत बताकर बेचने वालों के खिलाफ राजघाट (Rajghat) पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। बीते दिनों गोरखपुर (Gorakhpur ) के दौरे पर आए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा (Mohsin Raza) साहब से भी इस मामले में लिखित शिकायत की गई थी। गोरखपुर (Gorakhpur ) में सुन्नी वक्फ की 1391 तथा शिया वक्फ की दो संपत्तियां हैं।
शासन के निर्देश पर प्रशासन अभियान चलाकर वक्फ संपत्तियों से अवैध कब्जा हटवा रही है। प्रशासन ने हाल में ही बेतियाहाता में बड़ी कार्रवाई की थी। वहीं दूसरी तरफ अनेक जिलों में भी शिया वक्फ अशरफुन्ननिसा खानम (Ashrafunnisa Khanam) की संपत्तियों को अवैध तरीके से बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में राजघाट (Rajghat) थाने की पुलिस ने बसंतपुर (Basantpur )निवासी आगा मोहम्मद सय्यदैन (Aga Mohammad Sayyidain ) उर्फ सज्जू एवं आगा मोहम्मद हसनैन (Aga Mohammad Hasnain) (सज्जू) के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
आरोप है कि शेखपुर (Sheikhpur) (गीता प्रेस के सामने) स्थित इमामबाड़ा को व्यक्तिगत संपत्ति बताते हुए लोगों के प्रवेश पर रोक का बोर्ड लगा दिया है, जबकि वह भी वक्फ अशरफुन्ननिशा खानम (Ashrafunnisa Khanam) में दर्ज है। उसी परिसर में शिया समुदाय की एक मात्र मस्जिद और कब्रिस्तान है। शिकायतकर्ता मिर्जा अली अब्बास (Abbas ) का कहना है कि रानी अशरफुन्ननिशा खानम (Ashrafunnisa Khanam) ने फरवरी 1919 में गोरखपुर, (Gorakhpur ) देवरिया,( Devaria ) महराजगंज, (Maharajganj,) सिद्धार्थनगर, (Siddharthnagar,) कप्तानगंज (Kaptanganj ) और फैजाबाद (Faizabad ) में मौजूद अपनी संपत्तियों को वक्फ (अलल औलाद मुतवल्ली) किया था जो वक्फ बोर्ड में (वक्फ नंबर 1-1524) में पंजीकृत है। शेखपुर (Sheikhpur) में स्थित आराजी संख्या 231 इसी वक्फ का हिस्सा है जिसे कुछ लोगों ने अपनी निजी संपत्ति बताकर बेच दिया था। बेचने वाले वहीं लोग थे जिन्हें वक्फ संपत्तियों की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई थी। इस मामले में पुलिस मुकदमा दर्ज कर विवेचना कर रही है।