Monday, May 13, 2024
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टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने प्रोटो परीक्षा और व्यवहार्यता अध्ययन उद्देश्यों के लिए

अवधनामा संवाददाता’

हाइड्रोजन ईंधन सेल मॉड्यूल की आपूर्ति की और इस तरह देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता
तथा कार्बन न्यूट्रल लक्ष्यों में योगदान किया

बेंगलुरू:  सब के लिए खुशियां पैदा करने” के अपने मिशन के अनुरूप, टोयोटा हरित और
स्वच्छ प्रौद्योगिकियों का विकास करता रहा है। इस तरह, भिन्न क्षेत्रों में निरंतरता को बढ़ावा दे रहा है। कंपनी
अपने इस मिशन से एक ‘भविष्य-प्रमाणित’ स्थायी समाज की स्थापना में योगदान करना चाहती है जो प्रकृति के अनुरूप हो। विद्युतीकृत और अन्य हरित वाहन प्रौद्योगिकी में अग्रणी होने के नाते, कंपनी प्रत्येक देश/क्षेत्र में विद्युतीकृत और वैकल्पिक ईंधन वाले वाहनों की पेशकश करने का प्रयास करती है ताकि सीओटू (CO2)
उत्सर्जन न्यूनतम हो। इसके लिए ऊर्जा के उत्पादन, बुनियादी ढांचे की तैयारी और प्रत्येक देश / क्षेत्र में
उपभोक्ताओं द्वारा इन्हें अपनाने का ख्याल रखा जाता है। इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर टोयोटा 2050 तक
कार्बन तटस्थता के लिए प्रतिबद्ध है और 2035 तक विनिर्माण कार्यों में नेट कार्बन जीरो हासिल करने का
लक्ष्य है।
फुएल सेल इलेक्ट्रिक व्हेकिल्स (एफसीईवी) हाइड्रोजन द्वारा संचालित होते हैं और इनके सबसे स्वच्छ ईंधन
होने के कारण टेलपाइप से कोई उत्सर्जन नहीं करते हैं। अक्षय ऊर्जा स्रोतों से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पन्न होता है
और यह सौर व पवन ऊर्जा के लिए भंडारण आवश्यकताएं मुहैया कर सकता है जो बड़े पैमाने पर तेजी से
अपनाए जाने के लिए महत्वपूर्ण है। हाइड्रोजन में बैटरियों के मुकाबले उच्च ऊर्जा घनत्व होता है और यह लंबी
अवधि के लिए, ऊर्जा को संग्रहित कर सकता है तथा पोर्टेबल होता है। इस तरह यह विविध अनुप्रयोगों के लिए
एक उत्कृष्ट ऊर्जा कैरियर बनता है। इन फायदों के साथ, हाइड्रोजन हमारे देश के ऊर्जा आत्मनिर्भरता प्राप्त
करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
व्यापक परिप्रेक्ष्य में, टोयोटा हाइड्रोजन तकनीक और विभिन्न क्षेत्रों में फुएल सेल मॉड्यूल के उपयोग को
व्यापक रूप से अपनाने और स्केलेबिलिटी हासिल करने के लिए बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किये हुए है।
हाइड्रोजन फुएल सेल मॉड्यूल विभिन्न इस्तेमाल की सेवा के लिए ऊर्जा स्रोत प्रदान करता है जो अनिवार्य रूप
से प्रतिस्पर्धात्मकता और भविष्य के टिकाऊ हाइड्रोजन समाज के निर्माण की कुंजी है। इसके अलावा, ट्रकों
और भारी परिवहन, ट्रेन, बस, विमानन, शिपिंग, फोर्कलिफ्ट और औद्योगिक प्रक्रियाओं जैसे अधिक
चुनौतीपूर्ण अनुप्रयोगों में शून्य सीओ2 उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए, हाइड्रोजन एक महत्वपूर्ण भूमिका
निभाएगा। इस दिशा में, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने आज अशोक लीलैंड को अपने फ्यूल सेल
मॉड्यूल (एक यूनिट) की आपूर्ति की घोषणा की, ताकि प्रोटो परीक्षण और व्यवहार्यता अध्ययन के उद्देश्य से
भारत में फ्यूल-सेल वाणिज्यिक वाहन का निर्माण किया जा सके।

टोयोटा फुएल सेल मॉड्यूल

जब हाइड्रोजन आधारित विद्युतीकृत वाहन प्रौद्योगिकी की बात आती है, तो फुएल सेल मॉड्यूल वह दिल
होता है जो हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन को शक्ति प्रदान करता है। टोयोटा ने अपनी मजबूत तकनीकी
क्षमताओं को देखते हुए शून्य कार्बन उत्सर्जन वाहनों को विकसित करने के लिए भारत में फुएल-सेल मॉड्यूल
के उपयोग को बढ़ावा देने और बढ़ाने के लिए निश्चित कदमों में आगे बढ़ने का इरादा किया है।
टोयोटा की हाइड्रोजन फुएल सेल-आधारित तकनीक जीवाश्म ईंधन से तेजी से दूर जाने, अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा
देने, ऊर्जा आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा,
भारत के ऊर्जा मिश्रण, इसकी अनूठी उपभोक्ता प्रोफ़ाइल और जरूरतों, बुनियादी ढांचे की तैयारी तथा 2047
तक ऊर्जा में ‘आत्मनिर्भर’ बनने की दिशा में सरकार के विविध प्रयासों को देखते हुए टोयोटा मोबिलिटी
समाधानों को आगे बढ़ा रही है। इसमें ज्यादा दक्षता है और इसलिए कई स्वच्छ प्रौद्योगिकी उपायों का समर्थन
कर रही है। इसके लिए समान हित वाले अन्य स्टेकधारकों से हाथ मिलाकर देश के कार्बन न्यूट्रल लक्ष्यों में
योगदान करने के उद्देश्य से काम कर रही है।
इस स्वच्छ गतिशीलता पहल पर टिप्पणी करते हुए, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और
मुख्य संचार अधिकारी, श्री सुदीप एस. दलवी ने कहा, “प्रोटो परीक्षण और व्यवहार्यता अध्ययन के उद्देश्य से
फुएल सेल कमर्शियल व्हेकिल के निर्माण के लिए अशोक लीलैंड को हाइड्रोजन फुएल सेल मॉड्यूल की आपूर्ति
करके हम बेहद खुश हैं। टोयोटा में टेलपाइप उत्सर्जन और कार्बन फुटप्रिंट को कम करना हमारे लिए हमेशा
अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है और हम ऊर्जा आत्मनिर्भरता के राष्ट्रीय लक्ष्य की दिशा में योगदान करने के लिए भी
प्रतिबद्ध हैं। विश्व स्तर पर, ऊर्जा उद्योग कार्बन-तटस्थ ईंधन जैसे हाइड्रोजन और जैव ईंधन के तकनीकी
नवाचारों पर काम कर रहा है। इस पहल के माध्यम से, हम ईंधन के रूप में हाइड्रोजन के व्यापक उपयोग को
बढ़ावा देने की आशा करते हैं जो प्रकृति के साथ तालमेल में हाइड्रोजन समाज बनाने में मदद कर सकता है।
भारत सरकार ने 2021-2022 के केंद्रीय बजट में राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन (NHM) की घोषणा की। एनएचएम
ने ऊर्जा स्रोत के रूप में हाइड्रोजन के उपयोग के लिए एक रोड मैप तैयार किया है। इस मिशन का उद्देश्य
हाइड्रोजन ऊर्जा के कार्यान्वयन पर जोर देना है जो देश को अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से सर्वश्रेष्ठ बनाने की सही दिशा में
ले जाएगा। इसके साथ तालमेल बैठाते हुए, टोयोटा अपनी तकनीकी ताकत बढ़ा रही है ताकि पृथ्वी पर सबसे
प्रचुर मात्रा में उपलब्ध तत्वों को सबसे बेहतर, सुरक्षित और स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन विकल्प के रूप में भुनाया
जा सके।

टोयोटा ऐसे उत्पाद प्रदान करता है जो ग्राहकों को यह सोचने के लिए प्रेरित करते हैं कि एक स्थायी और
यथार्थवादी दृष्टिकोण पर क्या “यह उपयोग करने के लिए व्यावहारिक है”। इस विचार के आधार पर कि
स्वच्छ वाहन पर्यावरण में तभी योगदान करते हैं जब वे व्यापक उपयोग में आते हैं, टीकेएम लगातार
विद्युतीकृत वाहनों (अर्बन क्रूजर हाइराइडर और इनोवा हाईक्रॉस के रूप में मजबूत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों
की हालिया पेशकश) की श्रृंखला को बढ़ा रहा है और वैकल्पिक ईंधन-आधारित वाहन प्रौद्योगिकियों (जैसे
मिराई और फ्लेक्स-फ्यूल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक मोबिलिटी) का पायलट अध्ययन कर रहा है ताकि स्थायी
गतिशीलता पर जागरूकता को बढ़ावा दिया जा सके।
इस कदम पर बात करते हुए, अशोक लीलैंड के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी डॉ. एन. सरवनन ने कहा, “अशोक
लीलैंड भारत में वाणिज्यिक वाहनों के क्षेत्र में विश्व स्तर पर प्रसिद्ध और सिद्ध ईंधन सेल मॉड्यूल सिस्टम
लाने के लिए टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के साथ सहयोग करने के लिए उत्साहित है। ईंधन सेल में टोयोटा के
प्रौद्योगिकी नेतृत्व के साथ संयुक्त रूप से अभिनव और अलग-अलग उत्पादों को लाने में अशोक लीलैंड का
ट्रैक रिकॉर्ड लोगों के साथ माल परिवहन को डीकार्बोनाइज करने की दिशा में प्रोटो परीक्षा और व्यवहार्यता
अध्ययन करने का एक बड़ा अवसर बनाया है।
ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहन इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह प्रोपलसन सिस्टम (प्रणोदन प्रणाली) का उपयोग करते
हैं, जहां हाइड्रोजन के रूप में संग्रहित ऊर्जा को ईंधन सेल द्वारा बिजली में परिवर्तित किया जाता है। इन
एफसीईवी को एक टैंक में संग्रहित शुद्ध हाइड्रोजन गैस से ईंधन दिया जाता है। पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन
वाहनों के समान, एफसीईवी दक्षता बढ़ाने के लिए अन्य उन्नत तकनीकों से लैस हैं, जैसे रिजेनरेटव
(पुनर्योजी) ब्रेकिंग सिस्टम जो ब्रेकिंग के दौरान खोई हुई ऊर्जा को कैप्चर करते हैं और इसे बैटरी में संग्रहित
करते हैं।
वैश्विक स्तर पर, टोयोटा हाइड्रोजन समाज को साकार करने, वाणिज्यिक वाहनों के लिए ईंधन सेल के उपयोग
को बढ़ावा देने और औद्योगिक उपयोगों को बढ़ाने के लिए विभिन्न पहल को लागू कर रही है। टोयोटा एफसी
मॉड्यूल का उपयोग वाणिज्यिक ओईएम द्वारा जापान, यूरोप, चीन, उत्तरी अमेरिका और वर्तमान में भारत में
एफसी ट्रक, एफसी बस के निर्माण के लिए किया जाता है।

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