Sunday, April 28, 2024
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मेदांता लखनऊ ने छह गंभीर रोगियों की जान बचाने के लिए उच्च जोखिम वाली कोरोनरी आर्टरी बाइपास ग्राफ्ट (सीएबीजी) सर्जरी की

लखनऊ: अपनी स्थापना के समय से ही मेदांता लखनऊ का कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग (सीटीवीएस) डॉक्टरों और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की अपनी सुपरस्पेशलिस्ट टीम के साथ लखनऊ, पूर्वांचल और मध्य उत्तर प्रदेश में रोगियों को उत्कृष्ट व्यापक हृदय, फेफड़े और वैस्क्युलर सर्जरी की सेवाएं प्रदान कर रहा है। महामारी के बावजूद, विभाग ने पिछले तीन वर्षों में लगभग 2000 बड़ी हार्ट सर्जरी की हैं। यह यूनिट वयस्क और शिशु रोगियों के लिए सभी जटिल सर्जिकल सेवाएं प्रदान करती है, जिनमें रीडू सर्जरी, मिनिमली इनवेसिव सर्जरी, बहुत उच्च जोखिम वाली बाईपास प्रक्रियाएं और अल्ट्रा-स्किल्ड बिमा (BIMA) बाईपास सर्जरी, आदि शामिल हैं।

इसी सिलसिले को जारी रखते हुए, डायरेक्टर सीटीवीएस (CTVS), डॉ गौरंगा मजूमदार और उनकी टीम ने हाल ही में एक ही दिन में छह गंभीर जटिल सीएबीजी सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जिससे छह गंभीर रूप से बीमार रोगियों की जान बचाई जा सकी।

डॉ मजूमदार ने कहा कि मेदांता अस्पताल संभवतः पूर्वांचल और मध्य यूपी का एकमात्र अस्पताल है जिसने एक ही दिन में छह उच्च जोखिम वाली सीएबीजी सर्जरी सफलतापूर्वक की हैं और सुरक्षा या गुणवत्ता का त्याग किए बिना ही प्रभावी परिणाम देने में सक्षम है। कुछ महीने पूर्व मेदांता अस्पतला ने एक ही दिन में छह बड़ी दिल की सर्जरी भी की, जिनमें सीएबीजी, वाल्व रिप्लेसमेंट और पीडियाट्रिक शामिल थीं। लखनऊ के कई अस्पतालों में इन जटिल प्रक्रियाओं के लिए मरीजों को इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि वहां लंबी वेटिंग लिस्ट होती है। लेकिन मेदांता अस्पताल अपने डॉक्टरों और आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की समर्पित टीम के कारण सस्ती कीमत पर अत्यधिक देखभाल के साथ 24/7 सर्जिकल और कार्डियक आईसीयू सेवाएं प्रदान करता है।

डॉ मजूमदार के नेतृत्व वाली टीम ने हाल ही में 33 साल के युवा रोगी की एक बहुत ही उच्च जोखिम वाली डबल वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी की। उन्होंने 7 साल पहले किसी और हॉस्पिटल में टिश्यू वाल्व के साथ डबल वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाई थी और उनके दोनों टिश्यू वाल्व क्षतिग्रस्त हो गए जिससे उनका दिल कमजोर हो गया। इसके चलते क्षतिग्रस्त वाल्व को हटाने और दो नए वाल्वों को फिर से लगाने की आवश्यकता पड़ी। उनकी सर्जरी सफल रही और उन्हें रिकॉर्ड 4 दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल गई। डॉ मजूमदार ने बताया कि हालांकि बार-बार दिल की सर्जरी करना जोखिम भरा होता है, लेकिन यह एक सामान्य प्रक्रिया हो गई है। मेदांता लखनऊ में नियमित रूप से रीडू सर्जरी की जा रही है, जिसके उत्कृष्ट परिणाम मिले हैं।

सीटीवीएस डिपार्टमेंट, मेदांता, लखनऊ, रोगियों के लिए आवश्यक टोटल आर्टेरियल बाइपास सर्जरी (बिमा) भी कर रहा है, जो मल्टी वेसल कोरोनरी आर्टरी डिजीज के लिए सबसे अच्छा उपलब्ध उपचार है। सीटीवीएस डिपार्टमेंट,, मेदांता लखनऊ ने इस शैक्षणिक वर्ष से डीएनबी (DNB)सीटीवीएस प्रशिक्षण शुरू किया है, जिसके लिए दो सीटें आवंटित की गई हैं।

मेदांता अस्पताल लखनऊ विभिन्न प्रकार की चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है। मेदांता के सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर परामर्श के साथ-साथ अत्याधुनिक चिकित्सा और डायग्नोस्टिक उपकरणों का उपयोग करके रोगियों को समग्र चिकित्सकीय देखभाल प्रदान करते हैं। मेदांता अस्पताल में इमरजेंसी, क्रिटिकल केयर, कार्डियक साइंसेज, न्यूरोसाइंसेस, कैंसर ट्रीटमेंट, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, किडनी ट्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लांट, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, आईसीयू आदि के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं और यह पूर्वांचल और सेंट्रल यूपी का सबसे बड़ा अस्पताल है ।।।

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