जैनबे कुबरा और पैग़ाम ए विलायत पर इमामिया मस्जिद में पहले दौर की मजलिस सम्पन्न। कल होगी आखिरी मजलिस।

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लखनऊ : हुसैनाबाद के हाता मिर्जा अली खान स्थित मस्जिद इमामिया में एक मजलिस का आयोजन किया गया जिसको मौलाना साबिर अली इमरानी ने खिताब किया जिस मौजू पर उन्होंने मजलिस को खिताब किया वह मौजू था जैनबे कुबरा और पैगाम ए विलायत।
मौलाना इमरानी ने मजलिस को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में अगर किसी औरत के बारे में समझना है तो उसके कमालात और कैरेक्टर को समझना होगा।
मौलाना ने आगे संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में हर औरत के तीन रूप होते हैं हर औरत बेटी, बहन, बीवी, और मां की शक्ल में अपने फर्ज को अदा करती हो।
मौलाना ने कहा कि दुनिया में जितनी बड़ी-बड़ी औरतें गुजरी हैं सब के कुछ ना कुछ कमालात दुनिया के सामने जाहिर हुए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जनाब ए जैनब का जो किरदार था जो अमल था जो कमालात थे वह दुनिया की किसी औरत में नहीं पाया जाता है। जनाब जनाब ने एक बेटी एक बहन एक बीवी और एक मां की शक्ल में जो अपने फर्ज को अंजाम देही तक पहुंचाया है उसकी मिसाल नहीं मिलती।
मौलाना ने खासतौर से जनाबे जेनब के उस खुतबे का जिक्र किया जो उन्होंने दरबारे यजीद में दिया था जिससे उनके कमालात का पता चलता है।
आखिर में मौलाना ने जनाब जैनब के ऊपर पड़ने वाले मुसीबतों का जिक्र किया जिससे सुनने वालों में गिरया शुरू हो गया। मौलाना ने खासतौर से इस पर रोशनी डाली की जनाब जैनब ने हमेशा हक का साथ दिया और सच को नुमाया किया। उन्होंने कभी भी ज़ुल्म के आगे सर नहीं झुकाया।
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