हमीरपुर। जनपद में संचालित स्थायी/अस्थायी गौवंश आश्रय स्थलों की स्थापना और संचालन की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी घनश्याम मीना की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक कलेक्ट्रेट स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में आयोजित की गई।
बैठक में नोडल अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराई गई सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर समस्त गौशालाओं की विकास खण्डवार समीक्षा की गई। रिपोर्ट में गौशालाओं में पाई गई कमियों पर जिलाधिकारी ने गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कई गौशालाओं तक पहुँच मार्ग कच्चा है या वहाँ जल भराव की स्थिति है। इसके अलावा, कई स्थानों पर बाउंड्रीवॉल, भूसा भंडारण कक्ष, विद्युत कनेक्शन, पानी और प्रकाश की व्यवस्था तथा चौकीदार जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।
तत्काल मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने का निर्देश
जिलाधिकारी ने समस्त नोडल अधिकारियों, खण्ड विकास अधिकारियों, पशुचिकित्सा अधिकारियों और गौशाला संचालकों को सख्त निर्देश दिए कि जानवरों के लिए चारा-भूसा एवं पानी प्राथमिक आवश्यकता है, इसलिए गौवंशों के संरक्षण हेतु जो भी मूलभूत आवश्यकताएं हैं, उन्हें अविलंब पूर्ण कराया जाए।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनपद में कोई भी गौवंश सड़क पर या खुले में नहीं दिखना चाहिए। जर्जर टिन शेड की मरम्मत और गौवंश की क्षमता के अनुसार आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
लापरवाही पर होगी कड़ी कार्रवाई
जिलाधिकारी ने चेताया कि यदि किसानों से अन्ना पशुओं के संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त होती है, तो संबंधित की जिम्मेदारी तय करते हुए आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। नोडल अधिकारी हर माह संबंधित गौशालाओं का भ्रमण कर व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कमजोर और हताहत पशुओं को तुरंत आवश्यक इलाज देने के निर्देश दिए, जिसके लिए संबंधित पशुचिकित्सा अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि लापरवाही की वजह से कोई भी पशु हानि नहीं होनी चाहिए।
नवाचार और सरकारी राशि का सदुपयोग
बैठक में बताया गया कि सरकार द्वारा प्रति पशु 50 रुपये प्रतिदिन खुराक के लिए दिए जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने इस राशि का दुरुपयोग न होने देने पर जोर दिया। उन्होंने गौवंश की बेहतर देखभाल के लिए भूसा बैंक, रोटी बैंक, गुड़ बैंक आदि जैसे नवाचार करते हुए गौशालाओं को उपयोगी बनाने का सुझाव भी दिया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अरुण कुमार सिंह, जिला विकास अधिकारी राघवेन्द्र सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, जिला पंचायतीराज अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।





