बाराबंकी। जनपद में बढ़ते सूदखोरों का वर्चस्व अपने चंगुल में फंसने वाले लोगो से अधिक से अधिक रूपया वसूलने के लिए सूदखोर तरह-तरह के हथकण्डे अपना रहे हैं। बात तो यहां तक पहुंच गई है कि अब सूदखोरो द्वारा पुलिस से मिलकर लोगों को डरा धमकाकर वसूली की जा रही है। ज्यादा प्रताड़ित होने पर एक पीड़ित ने शिकायती प्रार्थना पत्र देकर सूदखोरों से उसका तथा उसके परिवार का जीवन बचाने की गुहार लगाई है। सूत्रों से पता चला है कि शहर के कई नामी गिरामी व्यापारी व छुटभईया नेता टाइप के लोग दिन पर मजबूर लोगों की तलाश करके उनको अपना शिकार बनाया करते हैं। एक बार जाल में फसाने के बाद सूदखोरों द्वारा ब्याज पर छियाज भी लगाया जाता है। सूदखोरों का इतना बड़ा मकड़जाल है कि उसमें पुलिस तक फंस जाती है। सूदखोर जबरन वसूली के लिए स्थानीय पुलिस के सिपाहियों को हमवार कर लेते हैं और खाकी का भय दिखाकर वसूली की डिमांड की जाती है। मौके पर अदा न करने पर जेल भेजवाने की धमकियां दी जाती हैं।
सूदखोर पुलिस से मिलकर परेशान करते है। ऐसे में पीड़ित को समझ ही नही आता कि मदद के लिए किसकी शरण मे जाए। सूदखोरों के मकड़जाल में फंसकर बर्बाद होने वाले लोगो मे एक नाम अस्करी नगर देवां रोड निवासी अरशद अब्बास पुत्र मोहम्मद शुजा का भी है। अपनी किसी ज़रूरत के चलते 50 वर्षीय अरशद ने शहर के कुछ सूदखोरो से ब्याज पर कुछ हजार रुपए लिए थे। मूलधन से कही ज्यादा पैसा चुकाने के बाद भी वो सूदखोरो के साथ अपना हिसाब बराबर नही कर सके। पैसों की वसूली के लिए सूदखोरो और उनके गुर्गों द्वारा गाली गलौच और धमकी मिलने के बाद अचानक 14 अगस्त 2024 को अरशद अब्बास संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए। पति को खोजने के लिए अरशद की पत्नी ने कई बार नगर कोतवाली पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नही की।
अरशद के लापता होने के करीब तीन महीने बाद अधिकारियों के हस्तक्षेप से दिनांक 26 नवंबर 2024 को नगर कोतवाली पुलिस ने खानापूर्ति करते हुए गुमशुदगी तो दर्ज कर ली, लेकिन न तो उसमें सूदखोरों का जिक्र किया और न ही अरशद को खोजने में कोई दिलचस्पी दिखाई गयी। नतीजतन गुमशुदगी दर्ज होने के चार महीने बाद भी अरशद का कोई सुराग नही लग सका है। अरशद जिंदा है या उन्होंने आत्महत्या कर ली अथवा सूदखोरों द्वारा उन्हें ठिकाने लगा दिया गया पुलिस के पास इनमें से किसी भी सवाल का जवाब नही है। अब देखना है कि जनपद में सूदखोरों के विरूद्ध स्थानीय पुलिस क्या कार्यवाही करेगी या सूदखोरों के चंगुल में फंसकर मजदूर पेशा व्यक्ति इसी तरह बर्बाद होते रहेंगे।