Saturday, May 4, 2024
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जीवन में महत्व संघर्ष का है : पुलिस अधीक्षक

अवधनामा संवाददाता

नेमवि में अन्तर महाविद्यालयीय हैण्डवाल प्रतियोगिता संपन्न

ललितपुर। बुंदेखण्ड विश्वविद्यालय झांसी द्वारा आवंटित अन्तर महाविद्यालयीन हैण्डवाल (महिला) प्रतियोगिता का आयोजन नेहरू महाविद्यालय में संपन्न हुआ। प्रतियोगिता का शुभारम्भ मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक मो. मुश्ताक, प्राचार्य, संस्कृत विभाग प्रो.ओमप्रकाश शास्त्री ने संयुक्त रूप से अतिवीर हनुमानजी के चित्र पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलित करके किया। मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक मो. मुश्ताक ने कहा कि जीवन में महत्व सफलता का नहीं, संघर्ष का है। जो हमें खेल भावना से मिलती है। प्रत्येक खिलाड़ी टीम भावना के साथ संबंधित क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करके महाविद्यालय, परिवार, समाज व देश व गौरान्वित करे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी श्रेष्ठ गुणों को आत्मसात कर तरक्की के आयाम तय करें। हार-जीत का खेल में महत्व नहीं होता। जहाँ एक ओर खेल में जीतने से खिलाड़ी को शिक्षा मिलती है कि जीवन में सफलता पर घमण्ड नहीं करना चाहिए। वहीं दूसरी ओर हारे खिलाड़ी को असफलता में हिम्मत न हारने की प्रेरणा मिलती है। प्राचार्य ने कहा कि विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए खेलों का महत्वपूर्ण स्थान है। खेलों से न केवल विद्यार्थी का शारीरिक विकास होता है अपितु वे जीवन में चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम होते हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी श्रेष्ठ खिलाड़ी बनने की दिशा में अग्रसर हैं। आपकी प्रबल इच्छाशक्ति तुम्हारा हौसला ही तुम्हें मुकाम हासिल करने में मदद करेगा। मनोविज्ञान विभाग के प्रो. अवधेश अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा और खेलों का समन्वय ही व्यक्तित्व निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसलिए खिलाड़ी अपने परिवेश में सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर समाज को स्वस्थ्य रखने के लिए संदेश प्रेरित कर सकते हैं। संस्कृत विभाग के प्रो.ओमप्रकाश शास्त्री ने कहा कि सैद्धान्तिक ज्ञान के साथ खेलों की शिक्षा प्रदान की जाती थी। कक्षा, मंच और मैदान में सहभागिता ही विद्यार्थी जीवन का श्रेष्ठतम उद्देश्य होना चाहिए। जानकारी देते हुए प्रतियोगिता संयोजक प्रो.अनिल सूर्यवंशी ने बताया कि अन्तर महाविद्यालय टीमों में बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी कैम्पस, महर्रा महाविद्यालय, पनारी स्थित महिला महाविद्यालय, नेहरू महाविद्यालय, राजकीय महाविद्यालय झांसी की टीमों ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर नेहरू महाविद्यालय ललितपुर, द्वितीय स्थान पर बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी कैम्पस एवं तृतीय स्थान पर पनारी स्थित महिला महाविद्यालय की टीम रही। इसमें कोच आसिफ खान, नीतेश राज, सुरेन्द्र कुमार, वेदिका रावत रहे। बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी से चयनकर्ता के रूप में विनोद बौद्ध रहे। रैफरी प्रदीप गुर्जर, चंद्रपाल पटेल, रमाकांत दुबे, अरविंद भार्गव रहे। प्रतियोगिता संपन्न कराने में अभिषेक यादव, आसिफ खान, अरूण धाकड़, प्रिंस शुक्ला, मोहन राजा, सौरभ अहिरवार, युवराज शर्मा ने सहयोग प्रदान किया। चैम्पियन छात्राओं में नेमवि की महिमा, दीक्षा, राजाबेटी, साक्षी, रोशनी, रचना, खुश्बू, सपना, रानी साहू, हेलन शामिल रहीं। बुवि कैम्पस से अनीता, गुनगुन, खुशी, साक्षी, प्रियंका, अनुष्का, अन्वेषा, अंशु, मिनर्वा शामिल रहीं। इस मौके पर प्रो. अवधेश अग्रवाल, प्रो.पंकज शर्मा, असि. प्रो. अनीता, डा.मनोज कुमार, डा.रौशन सिंह, डा.सुभाष जैन, डा.संजीव कुमार शर्मा, डा.सूबेदार यादव, डा.रामकुमार रिछारिया, डा.शैलेन्द्र सिंह चौहान, डा.रेनू चंदेल, डा.राजेश तिवारी, डा.ऊषा तिवारी, डा.ओ.पी.चौधरी, डा.बलराम द्विवेदी, डा.दीपक पाठक, डा.प्रीति पाठक, डा.विनोद कुमार, डा.वर्षा साहू, डा.लक्ष्मीकांत मिश्रा, डा.गीरेन्द्र सिंह, संदीप श्रीवास्तव, डा.जितेन्द्र राजपूत, डा.जगत कौशिक, डा.अवनीश त्रिपाठी, डा.अरिमर्दन सिंह, डा.रजनी चौबे, डा.रिचा साहनी, डा.रिचा सक्सेना, कविता पैजवार, डा.जगवीर सिंह, डा.विनीत अग्निहोत्री, डा.पराग कुमार, डा.अनूप दीक्षित, धर्मेन्द्र यादव, धु्रव किलेदार, फहीम बख्श, अंकित चौबे, हरदयाल, राकेश प्रजापति, भरत सिंह, मिलन सेन आदि उपस्थित रहे। संचालन डा.सुधाकर उपाध्याय ने किया। अंत में प्रो. अनिल सूर्यवंशी ने सभी का आभार जताया।

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