सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को चुनावी टिकट देती है उसका कारण भी बताएंगी कि आखिर वो किसी बेदाग प्रत्याशी को टिकट क्यों नहीं दे पाई?
सुप्रीम कोर्ट.नई दिल्ली: राजनीति के अपराधीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया. जस्टिस आर एफ़ नरीमन और जस्टिस एस रविन्द्रभट ने चुनाव आयोग और याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय की दलीलें सुनने के बाद अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज फैसला सुनाते हुए राजनीतिक पार्टियों दिशानिर्देश जारी किए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां ऐसे उम्मीदवारों के आपराधिक मामलों की जानकारी अपनी वेबसाइटों पर अपलोड करेंगी. अगर आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को चुनावी टिकट देती है उसका कारण भी बताएंगी कि आखिर वो किसी बेदाग प्रत्याशी को टिकट क्यों नहीं दे पाई?
साथ ही कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को उम्मीदवार के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में तमाम जानकारी अपने आधिकारिक फेसबुक और ट्विटर हैंडल पर देनी होगी. वहीं, पार्टियों को इस बारे में एक स्थानीय और राष्ट्रीय अखबार में भी जानकारी देनी होगी.
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इसके साथ ही ऐसे उम्मीदवार के जीतने की संभावना ही नहीं बल्कि पार्टी आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को टिकट देने पर उसकी योग्यता, उपलब्धियों और मेरिट की उम्मीदवार चुने जाने बाद 72 घंटे के भीतर चुनाव आयोग को देनी होगी. कोई पार्टी अगर इन दिशानिर्देशों का पालन नहीं करती है तो उसके खिलाफ चुनाव आयोग कानून के तहत कार्रवाई करेगा.