लखनऊ । पब्लिक ऐप ने एक कैम्पेन पब्लिक की पहल आरंभ किया है। जो अपने ढंग से इन बुराईयों को मिटाने में अपना योगदान देगी। यह मुहिम भारत की जनता को एक मंच मुहैया कराएगी जहां से वे अपने आसपास मौजूद आधुनिक युग के मुद्दों के बारे में बात करेंगे और स्थानीय समुदायों एवं प्रशासन में जागरुकता जगाएंगे। जीत के संकेत के तौर पर इन समस्याओं को व्यापक स्तर पर समाज एवं प्रशासन के समक्ष लाया जाएगा तथा स्थानीय अधिकारियों से अपेक्षा की जाएगी की वे जनता की चिंताओं का समाधान करें तथा जहां भी मुमकिन हो वहां जरूरी सहयोग प्रदान करें।
एक आम इंसान सामाजिक व आर्थिक पहलुओं पर बहुत सी समस्याओं का सामना करता है जैसे गरीबी, बढ़ते अपराध, बेरोज़गारी, नस्लीय भेदभाव से लेकर राजनीतिक व प्रशासनिक मुद्दों तक जैसे प्रदूषण, पानी की कमी, इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव आदि। अक्सर इन समस्याओं को उठाया नहीं जाता तथा संसाधनों एवं उपयुक्त मंच के न होने से इनकी अनदेखी की जाती है। पब्लिक ऐप एक ऐसा प्लैटफॉर्म है जहां हर एक नागरिक अपनी आवाज़ बुलंद कर सकता है तथा सीधे समुदाय एवं प्रशासन से जुड़ सकता है
इस कैम्पेन के बारे में पब्लिक ऐप के संस्थापक एवं सीईओ अज़हर इक़बाल ने कहा, ’’दशहरा एक ऐसा पर्व है जिसमें बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव मनाया जाता है। हमारे समाज में बहुत सारी समस्याएं हैं और अगर उनसे छुटकारा पाना है तो पहला कदम यह होगा कि सही मंच पर मुद्दों को उठाया जाए। हमने पब्लिक ऐप बनाया है जिसका उद्देश्य हर एक नागरिक को एक ऐसा मंच मुहैया कराना है जहां से वह अपनी समस्याओं पर आवाज़ उठा सके। पब्लिक की पहल कैम्पेन के द्वारा हम जनता की मदद करना चाहते हैं ताकि वे बड़े पैमाने पर अपनी आवाज़ पहुंचा सकें तथा बुराई के खिलाफ लड़ाई में सशक्त कदम उठा सकें। इस कैम्पेन में हिस्सा लेने के लिए पब्लिक ऐप डाउनलोड कर अपना रजिस्ट्रेशन करें उसके बाद इस प्लैटफॉर्म पर इस कैम्पेन के समर्थन में एक वीडियो बनाएं और अपनी समस्या/ मुद्दे को साझा करते हुए एक वीडियो बनाएं तथा कुछ संभावित उपाय सुझाएं और लोगों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें। 5000 से ज्यादा राजनेता, स्थानीय प्रशासक, सरकारी अधिकारी, पुलिस, ब्यूरोक्रेट पब्लिक ऐप का इस्तेमाल करते हुए जनता से जुड़ते हैं। राजनेताओं व स्थानीय प्राधिकरणों समेत 5 करोड़ प्रयोक्ताओं के साथ पब्लिक ऐप भारत के सबसे बड़े सूचनात्मक सोशल ऐप्स में से एक है।