Sunday, May 5, 2024
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पार्टियों का प्रचार शुरू

एस.एन.वर्मा

पांच राज्यों के चुनाव का बिगुल बाजा राजनैतिक पार्टियों ने चुनाव प्रचार शुरू किया। राजस्थान मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़, तेलंगाना व मिजोरम में चुनाव सात नवम्बर से तीस नवम्बर के बीच होगे। छत्तीसगढ़ में चुनाव दो चरणों में होगे बाकी राज्यों में चुनाव एक ही चरण में होगे। तीन दिसम्बर को मतगणना होगी। लोकसभा चुनाव से पहले इन पांचो राज्यों का चुनाव लोकसभा का केन्द्रीय सत्ता के लिये सेमीफाइनल माना जा रहा है। जम्मू कश्मीर के बारे में चुनाव आयोग का कहना है उपयुक्त समय में यहां चुनाव की घोषणा की जायेगी। पांचो राज्यों में 1.77 लाख मतदान केन्द्र होगे। जिनमें से 1.01 लाख में वेबकास्टिंग की सुविधा होगी। 8000 से ज्यादा मतदान केन्द्रों का प्रबन्धन महिलाओं के हाथ में है। इन चुनावों में तकरीबन 16 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे। इन चुनावों से पूर्वोत्तर से दक्षिणा भारत तक के उन वजहों का परीक्षण हो जायेगा जो राज्य और देश के मतदाताओं सामने विचरणीय होगा। इन सबके माध्यम से केन्द्रीय सरकार के नेतृत्व, उनके द्वारा लिये और किये गये निर्णय, मौजूदा और भावी नीतियों की समीक्षा होगी। जिसके पक्ष या विपक्ष में मतदाताओं की मोहर लगगी। भाजपा को मोदी की लोक प्रियता, देश विदेश में मिल रहे सम्मान और प्रशंसा उनके द्वारा बनाई और लागू की गई उदार योजनाओं और उनकी व्यकित्व पर पूरा भरोसा है। अभी फितास्तानियों से चल रहे युद्ध के बीच इजरायली प्रधानमंत्री फोन कर मोदी को युद्ध हालत बताये है और प्रशंस्त करते हुये कहा कि ऐसे नेताओं के साथ से साहस बढ़ता है मोदी के प्रति आभार भी जताया। मोदी जिस जिस देश में गये है उन देशों ने अपना यहां के सर्वोच्च सम्मान से उन्हें नवाजा है। इन सबका असर प्रबुद्ध नेताओं पर सकारात्म पड़ने की उम्मीद बनती है। पार्टी इन्हीं सबको लेकर मोदी पर अटूट विश्वास दिखा रही है। हिमांचल प्रदेश और कर्नाटक में भाजपा मोदी के बावजूद चुनाव हार चुकी है। कांग्रेस इससे उत्साहित है।
भाजपा के पास इस समय मतदाताओं को रिझाने के लिये नारी शक्तिवन्दन, अधिनियम, कामन सिविल कोड़ आदि योजनायें है। बिहार में हुये जाति जनगणना भाजपा के हितो को कुछ नुकसान तो पहुचाया ही है। पर मोदी जी द्वारा प्रतिपादित गरीबों की एक बड़ी जाति का नारा दे जाति जनगणना पर सही चोट किया है। अगर इस चुनाव में जातिगणना असर डालती है तो उसके सामने भाजपा की सनातन धर्म का मसला भी होगा। इनके असर से देश की भावी राजनीति की दिशा दशा तय होगी।
छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस इनकम्बेन्सी से लड़ रही है। भाजपा इसका फायदा उठा दोनों राज्यों मेें अपना झन्डा फहराने को उत्सुक है और तदानुसार बड़े जद्दोजहद से लगी हुई है। दोनो जगहों पर कांग्रेस वहां के नेतृत्व और प्रतिनेतृत्व से परेशान है। अगर कांग्रेस इन राज्यों में सफल होगी तो इसके दूरगामी सन्देश जायेगे कांग्रेस को अपनी प्रतिष्ठा वापस पाने में मदद मिलेगी। मौजूदा हालत में विपक्ष में नेतृत्व के लेकर जो कशमकश है उसमें कांग्रेस का सिक्का सबसे ऊपर रहेगा। हालाकि बिहार में जातिजनगणना के बाद नितीश का पलड़ा भारी दिख रहा है। अगर राज्यों, के चुनाव नतीजे विपक्ष के अनुरूप आते है तो मोदी के नेतृत्व और भाजपा की स्वीकारिता पर विपक्ष पूरे देश उनके खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश करेगा। आगे का चुनाव परिदृष्य रोचक और जद्दोजह वाला होने की सम्भावना है। देखना है देश की राजनीति किस करवट बैठती है।

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