अवधनामा संवाददाता
अलीगढ़ (Aligarh) कोविड महामारी के कारण गंभीर बाधाओं के बावजूद, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों को आनलाइन माध्यम से संचालित किया जा रहा है ताकि छात्रों को शैक्षिक अवसर प्रदान किया जा सके। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालिज के मेडिकल एजुकेशन यूनिट ने 2016 एमबीबीएस बैच इंटनर््स के लिए एक आनलाइन ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि एक इंटर्न के लिए आचरण और व्यवहार महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यही गुण चिकित्सा पेशे को सभी व्यवसायों में सर्वश्रेष्ठ बनाते हैं। उन्होंने प्रशिक्षुओं को इंटर्नशिप समय का अच्छा उपयोग करने की सलाह दी और पाठ्यक्रम के सफल समापन पर उन्हें बधाई दी।
कुलपति ने योग्यता-आधारित स्नातक पाठ्यक्रम के अनुसार अनिवार्य रोटेटिंग इंटर्नशिप के लिए लाग बुक भी जारी किया, जिसे इस वर्ष राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा शुरू और जेएनएमसी द्वारा अपनाया गया है।
अपने मुख्य भाषण में, मुख्य अतिथि प्रोफेसर पवनेंद्र लाल, निदेशक और सर्जरी के प्रोफेसर, एमएएमसी, नई दिल्ली तथा कार्यकारी निदेशक, नेशनल बोर्ड आफ एक्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज ने छात्रों से आग्रह किया कि वे पीजी सीट प्राप्त करने की जल्दबाजी न करें, इसके बजाय इस समय का उपयोग विभिन्न विशिष्टताओं की टीमों के साथ काम करने के बाद अपनी पसंद की शाखा तय करने के लिए करें।
उन्होंने स्वयं के इंटर्नशिप अनुभव छात्रों के साथ साझा किये तथा उन्हें इस अनुभव का अच्छा उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे एक इंटर्नशिप भविष्य के लिए कड़ी मेहनत करते हुए आनंददायक और प्रेरक हो सकती है।
प्रोफेसर लाल ने देश में परीक्षा प्रणाली पर चर्चा की और उच्च एट्रिशन रेट पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने प्रवेश परीक्षाओं में बदलाव का सुझाव दिया जो चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश से पूर्व इस क्षेत्र में छात्र की योग्यता और रुचि को सुनिश्चित कर सकते हैं।
उन्होंने उन छात्रों के लिए एक निकास मार्ग शुरू करने का भी सुझाव दिया जो इस पेशे को आगे बढ़ाने के इच्छुक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे छात्र फार्मा उद्योगों में प्लेसमेंट पा सकते हैं, जहां मेडिकल पृष्ठभूमि वाले स्नातकों की आवश्यकता होती है।
इससे पूर्व मेडिसिन फैकल्टी के डीन, प्रोफेसर राकेश भार्गव ने मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों और रिसोर्स पर्सन्स का स्वागत किया। उन्होंने 2016 बैच के छात्रों और उनके परिवारों को इंटर्नशिप में उनके सफल प्रवेश के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इंटर्नशिप अवधि उन्हें भविष्य के पेशेवर जीवन के लिए क्लीनिकल (चिकित्सा और शल्य चिकित्सा) कौशल सीखने और इस समय का अच्छा उपयोग करने का अवसर प्रदान करेगी।
जेएनएमसी के प्रिंसिपल और सीएमएस प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी ने छात्रों को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
कई संसाधन व्यक्तियों ने इंटर्नशिप कार्यक्रम के दौरान छात्रों को इस व्यवसाय के कौशल सिखाये। डा० अतहर अंसारी ने रोटेटिंग इंटर्नशिप कार्यक्रम और इसकी आवश्यकताओं को रेखांकित किया, जिसके बाद प्रोफेसर सीमा हाकिम और डा० नसरीन नूर द्वारा लागबुक पर प्रकाश डाला गया।
प्रोफेसर मोहम्मद शमीम, डा० मेहताब अहमद, डा० रूही खान, डा० शाहना अली, डा० शहबाज फरीदी, डा० आदिल रज़ा, डा० उम्मुल बनीन और डा० रोशन परवीन सहित कोविड योद्धाओं की एक टीम ने छात्रों को कोविड रोगियों की बेहतर कौशल के साथ व्यवस्था के लिए एक इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किया।
डा० शहला जमाल (एसोसिएट प्रोफेसर, प्रसूति और स्त्री रोग, आरएमआरआई, बरेली) ने ‘फिट बाडी एंड साउंड माइंड‘ पर विशेष बल देते हुए मानसिक स्वास्थ्य पर बात की और काम पर तनाव से निपटने के लिए व्यावहारिक सुझाव साझा किए।
डा० शाइस्ता सैय्यद (श्रीमती एनएचएल म्युनिसिपल मेडिकल कालिज, अहमदाबाद) ने बहुत ही सरल तरीके से छात्रों को इंटर्नशिप की पेचीदगियों से अवगत कराया।
चिकित्सा शिक्षा इकाई के समन्वयक प्रोफेसर सैयद मनाज़िर अली ने समापन सत्र में कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जबकि चिकित्सा शिक्षा इकाई की सदस्य डा० सूफिया नसीम ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
कार्यक्रम का संचालन डा० बुशरा सिद्दीकी ने किया।