रामलीला पंडाल में अपनी जगह पर बैठकर लीला का आनंद ले रहे दर्शक
महोबा। आदर्श रामलीला मंडल के तत्वावधान में कस्बे के श्रीराम मुहाल में आयोजित की जा रही रामलीला में कलाकार प्रतिदिन राम की लीला का विभिन्न अध्यायों का मंचन कर रहे हैं। जिसे देखने के लिए देर शाम से लोग रामलीला पंडाल में अपनी जगह पर बैठक लीला का आनंद ले रहे हैं। रामलीला चौथे दिन जनक विलाप, धनुष भंग और सीता स्वयंवर की लीला का मंचन किया गया।
रामलीला का मंचन करते हुए कलाकारों ने दिखाया कि राजा जनक अपनी पुत्री सीता के विवाह के लिए स्वयंवर का आयोजन कर घोषणा करते हैं कि जो भगवान शिव के धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा, उसी के साथ सीता का विवाह होगा। स्वयंवर में कई देश के अनेक राजा व राजकुमार शामिल होते हैं साथ ही श्रीराम भी अपने अनुज के साथ स्वयंवर पहुंचते हैं।
स्वयंवर में आए राजा व राजकुमार धनुष को हिला न सका तब श्रीराम को विश्वामित्र मुनीवर ने अज्ञा दी की आप जाकर शिव भगवान के महाधनुष का चिल्ला चढ़ाओ ताकि क्षत्रिय वंश का नाम कलंकित न हो। तब श्रीराम ने गुरु की आज्ञा से धनुष का प्रत्संचा चढ़ा दिया व महाराजा जनक की शर्त अनुसार सीता ने राम के गले मे वरमाला डाली। स्वयंवर की लीला न सभी दर्शकों का मन मोह लिया।
इससे पूर्व रामलीला में कलाकारों ने जनक विलाप का सफल मंचन किया है, जिसमें रामलीला दौरान सीता स्वयंवर के बाद राजा जनक अपनी बेटी के विवाह के लिए वर न मिलने पर उनका विलाप दर्शाया गया है। इस मंचन को देख दर्शक भावुक और भावुक हो जाते हैं।
इस मौके पर ब्यास गद्दी पर पप्पू मिश्रा और मनोज तिवारी ने संगत दी, ढोलक पर धीरेन्द्र राजा ने ताल ठोककर संगीत प्रस्तुत किया। रामलीला दौरान के मौके पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य उपेन्द्र द्विवेदी, ग्राम प्रधान अजनर नन्हेराम अनुरागी, समाजसेवी अरविन्द कुशवाहा, विवोद राजपूत, लव राजपूत, अमित तिवारी, राकेश द्विवेदी सहित तमाम दर्शको मौजूद रहे।





