राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली एवं सर्वोच्च न्यायालय की मेडिएशन एंड कंसीलियेशन प्रोजेक्ट कमेटी के तत्वावधान में चल रहे राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान (01 जुलाई से 30 सितम्बर 2025) का समापन शुक्रवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हमीरपुर में किया गया।
समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता सचिव महेन्द्र कुमार पाण्डेय ने की। इस दौरान जिला प्राधिकरण में कार्यरत मध्यस्थगण, समस्त पैनल अधिवक्ता तथा नवनियुक्त 10 मध्यस्थ उपस्थित रहे।
सचिव पाण्डेय ने बताया कि इस अभियान के माध्यम से जनपद हमीरपुर के विभिन्न न्यायालयों में लंबित वैवाहिक विवाद, दुर्घटना दावा, भूमि अधिग्रहण, दाण्डिक शमनीय एवं दीवानी मामलों का निस्तारण मध्यस्थता के माध्यम से किया गया। उन्होंने बताया कि कुल 920 वादों को सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारण हेतु संदर्भित किया गया था, जिनमें से 62 वादों का सफल निस्तारण किया गया।
उन्होंने बताया कि परिवार न्यायालय के 81, अपर जनपद न्यायाधीश-प्रथम के 19, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के 187, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के 110, राठ न्यायालय के 115, सिविल जज (सी0डि0) के 44, एफ0टी0सी0 के 24, सिविल जज (जू0डि0) हमीरपुर के 85, मौदहा के 90, एफ0टी0सी0 (सी0ए0डब्ल्यू0) के 71 तथा सिविल जज (जू0डि0) राठ के 32 वादों को मध्यस्थता हेतु भेजा गया था।
सचिव ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी पीठासीन अधिकारियों, कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और मध्यस्थगण को बधाई दी। इस दौरान उपस्थित मध्यस्थों ने अपने अनुभव साझा किए और मध्यस्थता की प्रक्रिया को न्यायालयों का प्रभावी विकल्प बताया।
कार्यक्रम के अंत में सचिव महेन्द्र कुमार पाण्डेय ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यस्थता केन्द्र में भविष्य में भी आपसी सुलह-समझौते के आधार पर वादों का निस्तारण जारी रहेगा, जिससे न्यायिक प्रक्रिया और अधिक सरल व त्वरित बनेगी।