नगांव के जुरिया इलाके में स्थित लाओखोवा अभयारण्य में शुक्रवार रात को वन विभाग की टीम के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए दो संदिग्ध मछुआरों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय विधायक नुरुल हुदा ने शनिवार सुबह घटनास्थल पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया।
स्थानीय लोगों से चर्चा के बाद विधायक ने कहा कि पूरी घटना में रहस्य की बू आ रही है। विधायक ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि वन विभाग की टीम को लोगों को मारने का अधिकार नहीं है।
हुदा ने कहा कि मृतक अब्दुल जलील और समीरुद्दीन के खेतों को जंगली जानवर लगातार नुकसान पहुंचा रहे थे। दोनों भाई अपने खेतों की रखवाली करने के लिए रात में गए थे। अगर वे दोनों मछली पकड़ने ही गये थे तो उन्हें पकड़ने की बजाये उनकी हत्या क्यों की गई? उन्होंने कहा कि वनकर्मी दिन-रात लगातार इलाके में पहरा देते हैं, बावजूद अभयारण्य वे दोनों कैसे प्रवेश कर गए, यह एक संदिग्ध मामला है। विधायक ने मृतक के परिजनों को सरकारी सहायता देने की मांग की है।