प्रयागराज: डेली बैग लेकर स्कूल जाना , वही होम वर्क , कलस में टीचर का लेक्चर , फिर होम वर्क का बोझ , घर लौटना और। यह आम छात्र के जीवन की जीवन शैली तब तक बनी रहती है जब तक उनकी शिक्षा पूरी नहीं हो जाती है। वहीँ कुछ स्कूल ऐसे होते हैं जो बच्चों को परंपरागत पढ़ाई तो कराते है साथ में शिक्षा को मनोरंजक बना देते हैं जिससे हर पढ़ाया हुआ पथ उन्हें याद हो जाता है जैसे कहानी हो।
उसी क्रम में नैनी स्थित मिलेनियम वर्ल्ड स्कूल के अध्यापकों ने बच्चों को खेल खेल में जीवन के पाठ पढ़ा रहे हैं जो किताबी पाठ के साथ जीवन में उपयोगी है और बच्चों के मानसिक विकास के लिए बहुत ही फायदेमंद है। अक्सर बच्चों के खेल को सोशल मीडिया पर पोस्ट करके उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाता है।
मानसून चल रहा है , बारिश का मौसम है , इंस्टाग्राम की एक पोस्ट में मिलेनियम वर्ल्ड स्कूल बच्चों को देखा जा सकता है एक गोला बना कर वे खेल रहे हैं , सामने छाता भी खोल कर रखा गया है और टीचर खुद एक्टिविटी करके मानसून के बारे में जागरूक कर रही हैं । छटा यह बताता है की वह बारिश में बच्चों को भीगने से बचाता है तो धुप में गर्मी से। साथ में मानसून क्या है और कब सक्रीय होता है , बरसात में क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए इसकी शिक्षा खेल खेल में देकर बच्चों के मानसिक स्वस्थ को मजबूती मिलेनियम वर्ल्ड स्कूल दे रहा है। पोस्ट में टीचर छोटे बच्चों को संगीत के साथ घोड़े जैसी चाल , हाथी जैसी दुम जैसे गाने के बोल पर बच्चों के साथ डांस करती नजर आयी।
इसी तरह से इंग्लिश के वर्ड को खेल खेल में याद दिलाने की एक्टिविटी भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की गयी है जिसमें फुल शब्द अंत में आने वाले शब्दों को याद कराया जा रहा है जिसमें कलरफुल , ब्यूटीफुल , हार्मफुल , सक्सेस्फुल आदि शब्द बच्चे संगीतमय तरीके से ताली और डेस्क बजा कर सीख रहे हैं। एक और पोस्ट में बोर्ड पर एक पलांट दिखाया जाता है जिसमें छोटा बच्चा अपने शब्दों में प्लांट के पार्ट के नाम बताता है और उसे पहचानता है।
मिलेनियम वर्ल्ड स्कूल के प्रबंधक एसके मिश्रा ने बताया की परंपरागत पढ़ाई तो होती है साथ में गैर परंपरागत तरीका जिसमें संगीत और चित्र के माध्यम से पढ़ाया गया टॉपिक बच्चों को ज्यादा जल्दी दिमाग में बैठता है। आज आधुनिक युग में मिलेनियम वर्ल्ड स्कूल बच्चों को विश्व स्तर की शिक्षा देकर उनको ऐसा बनाना चाहता है ताकि वे बड़े हों तो उनको अपना कैरियर चुनने में दिक्कत न हो।
एक और सोशल मीडिया पोस्ट में बच्चों को कारगिल विजय के बारे में बताया गया है तो एक पोस्ट में बच्चों को नाटकीय तरीके से फ्रेंच बोलना भी सिखाया जा रहा है , जिसमें एक छात्रा दूसरे छात्रा से टकराती है , उसकी बुक नीचे गिर जाती है और दोनों फ्रेंच में एक दूसरे से सॉरी बोलकर बात चीत करते हैं , इस तरह की प्रैक्टिस से छात्रों के फ्रेंच बोलने की झिझक दूर होगी और दुनिया तीसरी सबसे बड़ी भाषा सीखने और समझने में आसानी होगी। मिलेनियम वर्ल्ड शूल अपने झंडे गाड़ रहा है जिसका परिणाम भी अच्छा आता है।