ताजदार-ए-हरम हो निगाह-ए-करम, हम गरीबों के दिन भी संवर जाएंगे

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अवधनामा संवाददाता

हाकीं-ए- बेकसाँ क्या कहेगा जहां, आपके दर से खाली अगर जाएंगे
सहरी तक चलता रहा कव्वालियों का दौर, सजी रही महफिल

ललितपुर। हजरत बाबा सदनशाह रहमत उल्लाह अलैह की सरजमी पर आयोजित उर्स मुबारक के दूसरे दिन सहरी तक महफिल- कव्वाली का दौर चला। जिसमें आए नामी -गिरामी कब्बाल ने एक से बढ़कर एक उम्दा कलाम व गजल पढ़कर सभी को मदमस्त कर दिया। सहरी तक चली महफिल में कब्बाल के सूफियाना अन्दाज ने ऐसा समां बाँधा कि सभी श्रोता जमें रहे। कौमी एकता के प्रतीक हजरत बाबा सदनशाह के 106 वें उर्स इजलास के दूसरे दिन देश के प्रख्यात कव्वालों ने अपने -अपने फन पेश किए। जिस पर उर्स कमेटी के मुख्य संरक्षक राज्य मंत्री मनोहर लाल ने कव्वालों की खूब सराहना की। सदारत उर्स कमेटी के सदर हाजी बाबू बदरुद्दीन कुरैशी ने की। उन्होंने मेहमान कब्बालों का फूल माला पहनाकर व बैज लगाकर स्वागत किया। हिन्दुस्तान के मशहूर कब्बाल आफताब हाशिम साबरी ने अपने कलाम से लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया। श्रोता रात भर झूमते रहे और नोटों की बारिस करते रहे। उन्होंने सबसे पहले खुदा की शान में हम्द-ऐ-पाक सुनाई। फिर दौर चला नात-ए-पाक-करे जिक्र जिसका खुदा वो मोहम्मद हैं, जिसे रब ने रहमत बना के भेजा, लुटा कर्बला में जिसका घराना, वो मोहम्मद हैं, इंसान क्या है फरिश्तों ने माना, कहां पा सकेगा ये जमाना ,वो मोहम्मद हैं। श्रोता झूमते रहे और बार -बार इस नात-ए-पाक को सुनने की मांग करते रहे। कव्वालियों का सिलसिला आगे बढ़ते हुए मनकवत का दौर आया तो कव्वाल आफताब हाशिम वारसी ने सबसे पहले किस्मत में मेरी चैन से जीना लिख दे, डूबे ना कभी मेरा सफीना लिख दे, जन्नत भी गवारा है मगर मेरे लिए, ए कातिब-ए-तकदीर मदीना लिख दे ,ताजदार-ए-हरम हो,निगाह-ए-करम, हम गरीबों के दिन भी संवर जायेंगे, हामीं-ए बेकसां क्या कहेगा जहां, आपके दर से खाली अगर जाएंगे, ताजदार-ए-हरम, ताजदार-ए-हरम, कोई अपना नहीं गम के मारे हैं हम, आपके दर पर फरयाद लाये हैं। हो निगाहे-ए-करम, वरना चौखट पे, हम आपका नाम ले-ले मर जाएंगे। ताजदार-ए-हरम, ताजदार-ए-हरम को लोगों ने खूब सराहा। मुज्तबा नाजा ने ख्वाजा की शान में जिनका चेहरा मोहम्मद की तस्वीर है, वो चमकता सितारा है अजमेर में, गम के मारे शकवा-ए- गम न कर, बदनसीबी पे तू अपनी मातम न कर, बेकसों बेकसी भी साम्भर जाएगी, बेकसों का सहारा है अजमेर में को सुनकर महफिल में बैठे लोगों ने खूब सराहा। आधी रात के बाद सहरी तक श्रोता झूमते रहे। प्रोग्राम खत्म होने पर नायब सदर अब्दुल रहमान कल्ला ने सभी का आभार व्यक्त किया। मंच का संचालन जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद नसीम व शाकिर अली, जनरल सेक्रेटरी अरमान कुरैशी ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर शिशिर कांत चौबे सचिव विधानसभा म.प्र.जनरल सेक्रेटरी हाजी साबिर अली, रमजानी दादा, संयोजक अबरार अली, प्रेस क्लब अध्यक्ष राजीव बबेले सप्पू, मीडिया प्रभारी रिजबान उज्जमा, कोषाध्यक्ष हाजी अख्तर खान, समीर कान्त चौबे, राजू सिंधी सरवर घड़ीसाज, हमीद खां मंसूरी, सरफराज मेंबर, हाजी अतीक अहमद, हाजी सईद मंसूरी, पार्षद अब्दुल वारी, आसिफ कुरैशी, पार्षद, बाकिर अली पार्षद, मुस्तफा पार्षद, इमरान मंसूरी, शाकिर मंसूरी, आसिफ पठान, मुशीर कुरैशी, यामीन वारसी, अज्जू बाबा, साजिद खान, युसुफ बैल्डिंग, मुश्ताक खान, जुनैद मंसूरी, सदाकत टेलर, शहजाद खान, यामीन वारसी, मोहम्मद जमील लालू, शकील अहमद, नसीमुद्दीन बाबा कुरैशी, रिजबान कुरैशी, बसीम राजा, जानू अली, रिजबान हाजी बस, जहीर नल फिटर, चौधरी मो.शेखजी, शफीक कुरैशी, जाविर खान, शकील रियाज कुरैशी आदि मौजूद रहे।
आज रहेंगे प्रख्यात कव्वाल
हजरत बाबा सदनशाह रहमत उल्ला अलैह की दरगाह पर आज तीन अप्रैल को शाकिब अली मेरठ, टीवी सिंगर इंटरनेशनल फेम कब्बाली पेश करेंगे।

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