नगर निगम कोचिंग संस्थानों के जरिए छात्रों से एंट्री टैक्स लेगी. कोटा में हर साल लगभग सवा लाख बाहरी छात्र तैयारी करने आते हैं जिसमें से 80 हजार बिहार से आते हैं.
बता दें, नगर निगम राज्य समिति की एक बैठक में ये निर्णय लिया गया. जहां नगर निगम शहर में सफाई के लिए पैसा जुटाने को कोचिंग संस्थानों, प्राइवेट कॉलेज और स्कूलों पर नया टैक्स थोप रहा है. जो छात्रों से वसूला जायेगा.
वहीं बैठक में कहा गया कि शहर में ऐसे बड़े कोचिंग सेंटर हैं, जिनमें छात्राओं की संख्या 250 से अधिक है. उनका रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है. वहीं प्रत्येक छात्र से हर साल सरकार 1000 रुपये टैक्स के रूप में वसूलेगी.
बता दें, कोटा को मेडिकल और इंजीनियरिंग कोचिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ शहर माना जाता है. रिपोर्ट के अनुसार यहां 150 से अधिक कोचिंग सेंटर हैं जो JEE Mains, JEE Advance, और NEET-UG, AIIMS जैसे मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए छात्रों को तैयार करते हैं. प्रत्येक वर्ष कोटा से कोचिंग लेने वाले छात्र IIT जैसी विभिन्न परीक्षाओं में चुने जाते हैं.
कोटा में प्रत्येक वर्ष लगभग 1.5 लाख से अधिक छात्र कोचिंग लेते हैं. ऐसे में जहां छात्र और छात्राएं अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए दूर-दूर से कोचिंग लेने आते हैं, उस स्थिति में सरकार का प्रत्येक छात्र से 1000 हजार रुपये वसूलना उनका बजट बिगाड़ सकता है. वहीं जो छात्र आर्थिक स्थिति से जूझ रहे हैं उनके लिए ये एक बड़ी समस्या है.
1000 रुपए टैक्स वसूलने के फरमान से कोटा में पढ़ने वाले छात्र जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों ने दुकानों पर घूम-घूमकर भिक्षाटन किया. जहां वह हाथों में तख्तियां लिए घूम रहे हैं जिनमें लिखा है ‘अंकल हम पढ़ने आए हैं प्लीज हमसे टैक्स नही लो’.
कोचिंग सेंटर के मुताबिक छात्रों का कहना है कि जीएसटी की वजह से पहले से ही कोचिंग की फीस में 20 हजार तक की बढ़ोत्तरी हो गई है. वहीं कांग्रेस ने कोटा नगर निगम के इस फैसले का विरोध किया है.
कांग्रेस नेता शांति धारीवाल ने कहा कि यहां पढ़ने आने वाले छात्रों पर अन्याय है. यही बच्चे तो कोटा की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इन्हीं पर टैक्स लगाया जा रहा है.
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