शाहपुरा जिले के जहाजपुर कस्बे में लगातार तीसरे दिन भी बाजार बंद रहे, हालांकि रविवार देर रात हिंदू संगठनों और प्रशासन के बीच सहमति बनने के बाद धरना समाप्त कर दिया गया। सोमवार को बारावफात के चलते सर्व हिन्दू समाज के बिना किसी अधिकारिक आह्वान के भी स्वैच्छिक बंद है। बंद शाहपुरा जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में है। बंद केवल जुलूस निकलने तक ही रखा गया है। इस बंद का असर शाहपुरा जिला मुख्यालय के अलावा खजुरी, शक्करगढ़, पीपलूंद और काछोला जैसे आसपास के कस्बों में भी देखा गया। लोगों की सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की है।
जहाजपुर में एकादशी पर धार्मिक जुलूस के दौरान हुए पथराव की घटना के बाद से ही तनाव बना हुआ था। इस घटना के बाद पीतांबर राय भगवान का बेवान, जिसे किले पर ले जाना था, अस्थायी रूप से आज कल्याणराय जी के मंदिर में रखा गया। प्रशासन और हिंदू संगठनों के बीच सहमति बनने तक अगले तीन दिन तक बेवान को यहीं रखा गया है। प्रशासनिक जांच के बाद ही बेवान को किले पर ले जाया जाएगा।
रविवार रात के दौरान हुए धरना प्रदर्शन के दौरान हिंदू संगठनों की मांगों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। इसके तहत, अवैध केबिनों और अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई। इसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया और स्थिति को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील की गई।
सहमति के दौरान प्रशासन ने यह भी घोषणा की है कि अवैध धार्मिक स्थलों की जांच की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि जांच पूरी होने तक पीतांबर राय भगवान का बेवान अगले तीन दिन तक कल्याणराय जी के मंदिर में ही रहेगा। इस जांच के बाद ही बेवान को किले पर ले जाया जाएगा।
शाहपुरा जिला मुख्यालय और जहाजपुर कस्बे में स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत, एसपी राजेश कुमार कांवट, एडिशनल एसपी चंचल मिश्रा और डीवाईएसपी अजीत सिंह मेघवंशी स्वयं मौके पर मौजूद रहकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। सभी प्रमुख इलाकों में पुलिस का गश्त बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके।
आज शाहपुरा में बारावफात का जुलूस निकाला जाएगा, जिसे लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। हर प्रमुख इलाके में सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं और लोगों से शांति और सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की गई है। दूसरी ओर, जहाजपुर में बारावफात के जलसे को लेकर उपखंड प्रशासन ने पहले ही इसे निरस्त कर दिया था। यह निर्णय इलाके में सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए लिया गया ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे। जहाजपुर में पथराव की घटना के बाद से हिंदू संगठनों में रोष व्याप्त था। हालांकि, प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रियता और जल्द कार्रवाई से स्थिति को नियंत्रित किया गया है। हिंदू संगठनों की मांगों को ध्यान में रखते हुए, अवैध अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई की गई, जिससे धरना समाप्त हुआ। प्रशासन का कहना है कि अवैध धार्मिक स्थलों की जांच जल्द पूरी की जाएगी और इसके बाद ही बेवान को किले पर ले जाया जाएगा।
जहाजपुर और आसपास के कस्बों में पिछले तीन दिनों से बाजार पूरी तरह बंद हैं। इस बंद के कारण स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों को काफी नुकसान हो रहा है, लेकिन लोगों ने स्वेच्छा से बंद का समर्थन किया है। बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है और लोग अपने घरों में ही रहकर स्थिति का इंतजार कर रहे हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि जांच प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है और जल्द ही अवैध धार्मिक स्थलों की पहचान कर उचित कार्रवाई की जाएगी। इससे इलाके में शांति और सौहार्द्र लौटाने की उम्मीद है। हिंदू संगठनों और स्थानीय प्रशासन के बीच बातचीत के बाद स्थिति को सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और किसी भी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई है। स्थानीय समुदाय के नेताओं से भी बातचीत की जा रही है ताकि सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ने से रोका जा सके। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इलाके में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।