महर्षि दयानंद मनुष्य के जीवन को उन्नत देखना चाहते हैं.. आचार्य डॉ.प्रद्युम्न महाराज

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अवधनामा संवाददाता’

महर्षि दयानंद के जीवन दर्शन विषय पर बाबा रामदेव के गुरु का व्याख्यान संपन्न

महरौनी(ललितपुर).. भारत को समझो अभियान एवं आर्यों का महाकुंभ के अंतर्गत महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी की 200वीं जन्म शताब्दी एवम आर्य समाज के 150 वा स्थापना दिवस श्रृंखला क्रम में संयोजक आर्य रत्न शिक्षक लखनलाल आर्य के संचालन में बाबा रामदेव जी के गुरु आचार्य डॉक्टर प्रद्युम्न जी गुरुकुल खानपुर द्वारा “महर्षि दयानंद मनुष्य को कैसा देखना चाहते हैं ” इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए । आचार्य श्री ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती के ग्रन्थों के अनुसार इस विषय पर प्रकाश किया।
धर्म अर्थ काम मोक्ष,संपन्न जीवन ,वेदाज्ञानुकूल कामनाएं की पूर्ति का प्रयास ,प्रतिषिद्ध कर्मों का निषेध , प्रायश्चित कर्म ,सर्वत्र विद्यमान ईश्वर की उपासना इत्यादि महर्षि दयानंद द्वारा प्रतिपादित अनेक विषयों पर आचार्य जी ने चर्चा द्वारा यहां समझाने का प्रयास किया की महर्षि किस प्रकार से मनुष्य के जीवन को सभी प्रकार से उन्नत देखना चाहते है।
कार्यक्रम डॉक्टर राकेश आर्य इतिहासकार दिल्ली,कविता आर्या भजनोपदेशिका, मुनि पुरुषोत्तम वानप्रस्थ,आशुतोष आचार्य,गोपाल परिव्राजक,डॉक्टर व्यास नंदन शास्त्री बिहार, डॉक्टर वेद प्रकाश शर्मा बरेली सहित देशभर से आर्यजन जुड़े। संचालन आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य एवम आभार मुनि पुरुषोत्तम वानप्रस्थ ने जताया।

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