अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. किसान आन्दोलन की तस्वीर गणतंत्र दिवस को हुई ट्रैक्टर रैली के बाद पूरी तरह से बदल गई. हिंसा के बाद बैकफुट पर आये किसान नेताओं को पुलिस और प्रशासन ने फ़ौरन अर्दब में लेने की कोशिश शुरू कर दी और दिल्ली बार्डर पर जमा किसानों को खदेड़ने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल भेज दिया. गाजीपुर बार्डर पर पुलिस, पीएसी और रैपिड एक्शन फ़ोर्स के साथ ही दंगा नियंत्रण वाहन वज्र भी भेज दिया गया.
सरकार का सीधा निर्देश था कि बार्डर खाली कराओ, इसी बीच किसान नेता राकेश टिकैत अड़ गए कि तीन कृषि क़ानून वापस हुए बगैर आन्दोलन वापस नहीं होगा. टिकैत पर दबाव पड़ा तो भावुक टिकैत रो पड़े. राकेश टिकैत की आँखों से आंसू निकलने के बाद माहौल पूरी तरह से पलट गया. आन्दोलन छोड़कर वापस लौट गए किसानों की वापसी शुरू हो गई. मुज़फ्फरनगर में किसानों की महापंचायत भी हुई.
इधर राकेश टिकैत ट्वीटर पर ट्रेंड करने लगे. राकेश टिकैत के नाम पर कई एकाउंट बना लिए गए. उन फर्जी एकाउंट के ज़रिये दिल्ली के मुख्यमंत्री से पानी और बिजली की मांग कर दी गई. मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी इस फर्जी एकाउंट को भांप नहीं पाए. केजरीवाल ने फ़ौरन इस ट्वीट का संज्ञान लेते हुए फ़ौरन गाजीपुर बार्डर पर बिजली-पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दे दिए.
राकेश टिकैत के फर्जी एकाउंट का मामला जब प्रकाश में आया तब राकेश टिकैत ने फ़ौरन यह बताया कि हमारा आधिकारिक हैंडिल @RakeshTikaitBKU और @OfficialBKU
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राकेश टिकैत ने एलान किया है कि अब वह यूपी का पानी ही पियेंगे. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने बिजली-पानी बहाल नहीं की तो हम यहीं ज़मीन खोदकर सबमर्सबिल लगा लेंगे और अपने पानी का इंतजाम कर लेंगे.