ईरान की गार्जियन काउंसिल ने सीएए को समाप्त करने की मांग की

0
103

ईरान के संविधान की गार्जियन काउंसिल के क़ानून विद ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख के नाम पत्र में भारतीय संविधान में बताए गये प्रावधानों से लाभ उठाते हुए मुसलमानों के विरुद्ध भेदभावपूर्ण क़ानून को समाप्त करने की संभावना प्रशस्त करें।

इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार ईरान की संविधान की निरिक्षक परिषद के क़ानूनी मामलों के विशेषज्ञ हादी तह्हान नज़ीफ़ ने भारत के उच्चतम न्यायालय के प्रमुख शरद अरविन्द बोबडे के नाम पत्र में लिखा कि आजकल भारत से कुछ समाचार, फ़ोटोज़ और वीडियो क्लिप विश्व समुदाय तक पहुंची है जो हिंसा और जीवन जैसे इंसानों के आरंभिक अधिकारों को छीनने के चिन्ह हैं।

 

श्री तह्हान नज़ीफ़ ने यह बयान करते हुए निसंदेह भारत सरकार धार्मिक युद्ध को रोकने के लिए आवश्यक कार्यवाही करेगी, कहा कि दुनिया के लोगों के मन में भारत की जो तस्वीर है वह विभिन्न धर्मों, पंथों और मतों के अनुयायों का शांतिपूर्ण ढंग से एक दूसरे के साथ मेल मिलाप के साथ रहने के अतिरिक्त कुछ नहीं रहा है।

ईरान के संविधान की गार्जियन काउंसिल के क़ानून विद ने अपने पत्र में लिखा कि एसा प्रतीत होता है कि नागरिकता संशोधन क़ानून सीएए जिसे दिसम्बर 2019 में संसद में पास किया गया, नागरिकता के हक़ और समान नागरिकता जैसे मुसलमानों के विरुद्ध भेदभावपूर्ण चीज़ों से संपन्न है जो मानवाधिकारों और भारतीय संविधान के विरुद्ध है जिसमें खुलकर हर नागरिक को समान अधिकार देने पर बल दिया गया है।

साभार:parstoday.com

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here