Wednesday, May 8, 2024
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HomeUttar PradeshLalitpurघोंसले बांटकर गौरैया को बचाने की पहल ला रही है रंग

घोंसले बांटकर गौरैया को बचाने की पहल ला रही है रंग

अवधानामा संवाददाता

गौरैया को दें पर्यावरण, ताकि बचा रहे उसका जीवन
भीषण गर्मी में पशु-पक्षियों का जीवन बचाने के लिए रखें दाना-पानी
उत्कर्ष समूह ने पर्यावरण प्रेमी संस्था मानव ऑर्गनाइजेशन को गौरैया के संरक्षण के लिए किया सम्मानित

ललितपुर। घर के आंगन में बच्चों की तरह पक्षियों की चहचहाहट और उनके संरक्षण के उद्देश्य को लेकर नगर की पर्यावरण प्रेमी संस्था मानव ऑर्गनाइजेशन ने सकारात्मक पहल शुरू की है। वर्ष 2012 से गौरैया संरक्षण की दिशा में की जा रही उनकी पहल रंग ला रही है। मानव ऑर्गनाइजेशन जहाँ गौरैया को बचाने के लिए निरंतर स्कूली बच्चों, कॉलेजों , विभिन्न ऑफिस आदि में घोंसले प्रदान करती है वहीं भीषण गर्मी में पशु पक्षियों को दाना पानी रखने की भी अपील करती रहती है। वहीं गली मोहल्ले, वृक्षों में जाकर घोंसले लगाने, बांटने का क्रम निरन्तर चलता रहता है, बुधवार को विश्व गौरैया दिवस पर उत्कर्ष समूह द्वारा मानव ऑर्गनाइजेशन को गौरैया संरक्षण की दिशा में 2012 से निरंतर किए जा रहे उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया। इस मौके पर उत्कर्ष समूह के निर्देशक डॉ सुनील संचय ने मानव ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष अधिवक्ता पुष्पेन्द्र सिंह चौहान व सचिन जैन बॉस को शाल, श्रीफल, माला, अंग वस्त्र, साहित्य, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
इस मौके पर परिचर्चा में मानव ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष अधिवक्ता पुष्पेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि घरों के बाहर पक्षियों का आशियाना बनाने के लिए लकड़ी के बॉक्स (घोंसले) बनाकर लोगों को निशुल्क बांटते हैं, स्कूलों, ऑफिस आदि में घोंसले बाटने का क्रम निरन्तर चलता रहता है। ताकि शहरी क्षेत्र में भी पक्षियों की चहचहाहट सुनाई दे।
शहरी क्षेत्र में पेड़ों की संख्या कम हुई है। वहीं घरों में पक्षी घोंसला बनाते हैं तो लोग उन्हें हटा देते हैं। ऐसे में पक्षी गर्मी और बारिश के मौसम में परेशान हो रहे हैं। यही कारण है कि पक्षी जंगलों का रुख कर रहे हैं। शहर में पक्षियों की तादाद बढ़ाने के लिए यह बॉक्स बना रहा हूं। ताकि लोग घरों के बाहर इन्हें रखे। इनमें पक्षी रहेंगे और अपना घोंसला बनाएंगे। जिससे हर घर के आंगन में पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देगी। घरों में कृत्रिम घोंसले और छतों पर पानी रखकर गौरैया को विलुप्ति से बचाएं।
उत्कर्ष समूह के निर्देशक पर्यावरण सचेतक डॉ सुनील संचय ने बताया कि लोगों की जिम्मेदारी है कि वे पक्षियों के लिए दाना व पानी की उचित व्यवस्था कर अपने जिम्मेदारी का निर्वहन करें। ताकि खुले आसमान और धूप में विचरण करने वाले पंछियों को राहत मिल सके। मैं हमेशा ही पक्षियों के लिए छत पर दाना-पानी तथा अपने आवास के बाहर पशुओं को पानी की व्यवस्था रखता हूँ। यह मेरी प्रतिदिन की दिनचर्या में शामिल है। मानव ऑर्गनाइजेशन टीम बहुत अच्छा कार्य कर रही है जिसकी वजह से गौरैया की फुदकन घरों में लौट रही है।
मानव ऑर्गनाइजेशन टीम के सचिन जैन बॉस ने कहा कि हमारी टीम के द्वारा आज विभिन्न स्कूलों, कार्यालयों आदि में गौरैया बचाओ अभियान के अंतर्गत घोषले बाटे गए तथा गौरैया से संबंधित जानकारी व बचाव कैसे करें आदि की जानकारी के फोल्डर सभी को दिए गए। हजारों घोसले संस्था बाट चुकी है।

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