भारत–नेपाल मैत्री महोत्सव स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो रहा है: खेमराज पौंडेल

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अवधनामा संवाददाता

भारत–नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध है : खेमराज

कुशीनगर बुद्ध पीजी कॉलेज में भारत नेपाल मैत्री महोत्सव का हुआ आयोजन

कुशीनगर। भारत-नेपाल मैत्री को मजबूत करने के उद्देश्य से बुद्ध पीजी कॉलेज कुशीनगर में भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव-2024 का आयोजन शुक्रवार को संस्कृति-पर्यटन विभाग उप्र एवं स्थानीय जिला प्रशासन के सहयोग से संपन्न हुआ। इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक यात्रा सिद्धार्थनगर से आरंभ होकर महराजगंज, कुशीनगर होते हुए अन्य जनपदों में जाकर संपन्न होगी। मैत्री महोत्सव का उद्देश्य युवा पीढ़ी एवं विद्यार्थियों के बीच प्रदेश की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने एवं देश प्रेम की भावना प्रवाहित करना है।

महोत्सव का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर किया। तत्पश्चात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेपाल राष्ट्रीय सेवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष खेमराज पौंडेल को श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति भेंट की गई। महोत्सव के मुख्य अतिथि नेपाल राष्ट्रीय सेवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष खेमराज पौंडेल ने कहा कि भारत नेपाल मैत्री महोत्सव स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो रहा है। आठ जिलों में होने वाले महोत्सव का तीसरा पड़ाव महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर है। भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की सराहना की। नेपाल के सिद्धिनाथ से गोरखनाथ तक साइकिल यात्रा का शुभारंभ हुआ है। भारत नेपाल की मित्रता कृष्ण और सुदामा जैसे है। लुंबिनी से कुशीनगर को भी जोड़ने का काम कर रहे हैं। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के निदेशक डा. राकेश सिंह ने कहा कि भारत नेपाल का संबंध अनादिकाल से है। राम और बुद्ध का जीवन दर्शन दोनों देशों के बीच संबंधों को जोड़ता है, सांस्कृतिक समृद्धता से संबध प्रगाढ़ होंगे। डॉ. कौस्तुभ नारायण मिश्र ने कहा कि भारत हमेशा नेपाल को खड़ा किया है। भारत नेपाल के संबंध ब्रिटिश और चीन को अलग कर देखना चाहिए। कालेज प्रबंध समिति सचिव वीरेंद्र सिंह अहलूवालिया ने कहा कि भारत नेपाल मैत्री महोत्सव संबंधों को मजबूत करने में कारगर सिद्ध होगा। ईओ शैलेंद्र कुमार मिश्र ने कहा की भारत की सदियों से नेपाल के बीच यात्रा होती रही है। उन्होंने अपने विमोचित पुस्तक ‘डाकिनियों के देश’ की विशिष्टता बताई। डॉ. निगम मौर्य ने कहा कि भारत नेपाल के संबंध इस मायने में अद्वितीय है कि दूसरे देशों की तरह हमारे आपसी संबंध भौगोलिक और राजनीतिक कारणों से निर्धारित नहीं होते हैं। हमारे संबंधों का आधार सदियों पुराने सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक सेतु पर टिका हुआ है।हमारे आराध्य देव श्री राम की अर्धांगिनी मां जानकी की जन्मभूमि जनकपुर है। नगरपालिका चेयरमैन प्रतिनिधि राकेश जायसवाल ने कहा कि कुशीनगर की पहचान विश्वभर में भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली के रूप में है। अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य प्रोफेसर विनोद मोहन मिश्र ने कहा कि भारत के लोगों का नेपाल में सम्मान बढ़ा है। खुली सीमा से भारत और नेपाल के बीच लोगों का आवागमन होता है। कार्यक्रम का संचालन सुनील शुक्ल ने किया।
इस मौके पर लुंबिनी विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप गुप्ता, हिंदू परिषद नेपाल के केंद्रीय प्रवक्ता ओमकार पांडेय, भिक्षु नंदरतन, संस्कार भारती जिलाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार सिन्हा, पर्यटन सूचना अधिकारी डॉ. प्राण रंजन समेत गणमान्य लोग मौजूद थे।

“डाकिनियों का देश” पुस्तक का हुआ विमोचन

भारत नेपाल मैत्री महोत्सव के बीच ‘डाकिनियों के देश’ में पुस्तक का विमोचन हुआ। पुस्तक में भारत और नेपाल की यात्रा, सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक संबंधों का सजीव अंकन है। पुस्तक में भारत नेपाल के खूबसूरत स्थलों के दर्शन व भ्रमण का भी उल्लेख है।

कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित

संस्कृति और पर्यटन के भारत नेपाल मैत्री महोत्सव में विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देने वाले कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने पर नेपाली कलाकारों के चेहरों पर खुशी था। वहीं यह प्रशस्ति पत्र देकर करने का सिलसिला चलता रहा। कलाकारों ने गीत, नृत्य और नाटक आदि का सजीव मंचन कर लोगों को भाव कर दिया।

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