डिप्थीरिया केसों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बढ़ाई निगरानी

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अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान 
स्वास्थ्य विभाग चला रहा नियमित टीकाकरण का विशेष अभियान 
ड़ोसी जनपदों महोबा, बांदा में भी हो चुकी है डिप्थीरिया की पुष्टि
हमीरपुर :जनपद में संभावित डिप्थीरिया के केसों के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है। नियमित टीकाकरण के विशेष सत्र भी चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा डिप्थीरिया के लक्षण वाले मरीजों को लेकर वैक्सीन का पर्याप्त इंतजाम कर लिया गया है। पड़ोसी जनपद महोबा, बांदा में भी डिप्थीरिया के कई केसों की पुष्टि हो चुकी है।
जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.सुमित सचान ने बताया कि डिप्थीरिया संक्रामक रोग है, जो दो से लेकर 11 वर्ष तक की आयु के बच्चों को अधिक होता है। दो से लेकर चार दिन तक इसका असर होता है। रोग प्राय: गले में होता है। स्वरयंत्र, नासिका, नेत्र तथा बाह्य जननेंद्रिय भी प्रभावित हो सकती हैं। रोग का कारण कोराइन बैक्टीरियम डिपथीरी नामक जीवाणु होता है। संक्रमण बच्चों द्वारा एक-दूसरे की पेंसिल, लेखनी आदि वस्तुओं को मुंह में रख लेने से भी होता है। संक्रमित बच्चों के गले में सफेद रंग की झिल्ली बन जाती है, जिससे सांस लेने में दिक्कतें होती हैं।
डॉ.सुमित ने बताया कि डिप्थीरिया कोरिनेबेक्टीरियम डिप्थेरिया और कफ के माध्यम से एक से दूसरे व्यक्ति में यह फैलता है। इसके अतिरिक्त जीवाणु एक प्रकार के जीव विष को जन्म देता है जिससे हृदय की पेशियों में सूजन आ सकती है। चिकित्सा तत्काल प्रारंभ न करने से वह गले में चारों ओर से उत्पन्न होकर सांस लेने वाले मार्ग को रोक सकती है, जिससे रोगी को सांस लेने में दिक्कत हो जाती है और फेफड़ों में वायु नहीं पहुंच पाती। मरीज को 100 से 102 डिग्री सेल्सियस तक बुखार रहता है। सिरदर्द, अरुचि, कब्ज आदि बने रहते हैं।
जिला प्रतिरक्षण डॉ.महेशचंद्रा ने बताया कि सभी केंद्रों में डिप्थीरिया की पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध है। पूर्व में इक्का-दुक्का केसों की पुष्टि के बाद से विशेष निगरानी की जा रही है। साथ ही नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों के लिए विशेष सत्र भी चलाए जा रहे हैं।
लक्षण-
– नाक का बहना
– गले में दर्द
– बुखार (100 से 102 डिग्री सेल्सियस तक)
– बीमार महसूस करना
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